विनेश के फैसले पर महाबीर फोगाट बोले: संन्यास वापस लेने के लिए करेंगे मनाने का प्रयास, सरकार के फैसले को सराहा
पेरिस ओलंपिक के दौरान निर्णायक बाउट से पहले अयोग्य घोषित होने से विनेश फौगाट ने कुश्ती को अलविदा कह दिया है।

पेरिस ओलंपिक के दौरान निर्णायक बाउट से पहले अयोग्य घोषित होने से विनेश फोगाट ने कुश्ती को अलविदा कह दिया है। विनेश के इस फैसले पर उनके कुश्ती के पहले गुरु एवं ताऊ द्रोणाचार्य अवार्डी पहलवान महाबीर फोगाट ने प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि संन्यास का फैसला वापस लेने के लिए वो विनेश को मनाने का प्रयास करेंगे।
महाबीर फोगाट ने कहा कि विनेश मानसिक रूप से टूट चुकी हैं और उनका प्रयास रहेगा कि विनेश को कुश्ती जारी रखने के साथ वर्ष 2028 में होने वाले ओलंपिक में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। द्रोणाचार्य अवार्डी ने कहा कि ये जो भी वाक्या हुआ वो बेहद गलत है और इसका सभी को मलाल है। वहीं, महाबीर फोगाट ने प्रदेश सरकार के रजत पदक विजेता की तर्ज पर विनेश फौगाट को सम्मान और नकद राशि देने के फैसले को सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि इस फैसले से खिलाड़ी का कुछ हद तक मनोबल जरूर बढ़ेगा।
#WATCH चरखी दादरी: हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा विनेश फोगाट को रजत पदक विजेता को मिलने वाले सभी लाभ देने की घोषणा पर उनके ताऊ महावीर फोगट ने कहा, "यह मुख्यमंत्री की अच्छी पहल है। उन्होंने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि विनेश को रजत पदक मिला है। यह एक अच्छा कदम है और मैं इसका… pic.twitter.com/GU8F4RmOSF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 8, 2024
बता दें कि विनेश फोगाट ने वर्ष 2001 में कुश्ती शुरू की थी। विनेश ने भी चचेरी बहन गीता व बबीता फौगाट की तरह महाबीर फोगाट से ही कुश्ती के दांव-पेंच सीखे थे। पेरिस ओलंपिक में डिस्क्वालिफाई होने पर विनेश ने 23 साल के पहलवानी के सफर को विराम लगाते हुए सन्यास की घोषणा कर दी। उनके परिजन भी इस फैसले से स्तब्ध हैं। इस फैसले के बाद ताऊ महाबीर फोगाट को छोड़कर विनेश की मां प्रेमलता या अन्य परिजन प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं।
दरअसल, विनेश फोगाट ने शुरुआत से ही जीवन में चुनौतियों का सामना किया है। शुरुआत में पिता राजपाल फोगाट को खोने का उन्हें गम मिला। हालांकि अपने बुलंद हौसले से विनेश ने इस गम से उभरते हुए कुश्ती में अपना व देश का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर चमकाया। इसके बाद कुश्ती कॅरिअर में उनके सामने कभी सिस्टम तो कभी शारीरिक चोटें आड़े आईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने प्रयास जारी रखे। अब पेरिस ओलंपिक में विनेश को निर्णायक बाउट से पहले अयोग्य करार दिया गया जबकि वो पदक की प्रबल दावेदार थीं।
बहन संगीता फोगाट ने विनेश फोगाट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि हमने बचपन से देखा है विनेश को हर सही चीज के लिए लड़ते हुए। हर हार के बाद दोबारा उठ कर लड़ते हुए। आज हम भी आपको हौसला नहीं दे सकते क्योंकि आपके इस फैसले ने हमें अंदर तक झकझोर दिया है। आप एक महान खिलाड़ी है।
वहीं, टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया ने इस फैसले पर एक्स पर लिखा कि विनेश आप हारी नहीं हराया गया है। आप भारत की बेटी के साथ हमारा अभिमान है आप हमेशा विजेता रहेंगी। उन्होंने एक और पोस्ट साझा करते हुए कहा कि इन बेटियों के रास्तों पर कांटे बोने वालों, ये बेटियां फिर खड़ी होंगी और फिर लड़ेंगी ये बेटियां जीतेंगी जरूर।
उन्होंने शिवमंगल सिंह 'सुमन' की कविता की कुछ पंक्तियां भी साझा की क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं, संघर्ष पथ पर जो मिले यह भी सही वह भी सही। वरदान मांगूंगा नहीं। चाहे हृदय को ताप दो, चाहे मुझे अभिशाप दो, कुछ भी करो कर्तव्य पथ से किंतु भागूंगा नहीं, वरदान मांगूंगा नहीं। इसी कविता को 22 दिसंबर, 2023 को विनेश ने बजरंग पूनिया के लिए तब पोस्ट किया था जब उन्होंने पद्मश्री अवार्ड को लौटा दिया था।