PM मोदी का सख्त संदेश: पाकिस्तान से कोई तीसरा पक्ष नहीं, अमेरिका को दी स्पष्ट जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत में स्पष्ट किया कि भारत-पाक मामलों में कभी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं मानी, और ऑपरेशन सिन्दूर पर अमेरिका को दी सीधी जानकारी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से टेलीफोन पर बातचीत करते हुए दो टूक कहा कि भारत ने कभी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया है और भविष्य में भी ऐसा नहीं करेगा। यह संदेश विशेष रूप से पाकिस्तान के साथ चल रहे मुद्दों के संदर्भ में दिया गया।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ 35 मिनट की फोन बातचीत के दौरान हाल ही में हुए ऑपरेशन सिन्दूर की जानकारी साझा की और बताया कि भारत की कार्रवाई केवल आतंकवादी ठिकानों के विरुद्ध थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष विराम पूरी तरह से सीधे सैन्य संवाद के माध्यम से संभव हुआ। इसमें अमेरिका या किसी अन्य देश की कोई भूमिका नहीं थी।
यह बातचीत पाकिस्तान के अनुरोध पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच पहले से स्थापित माध्यमों से हुई थी। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि भारत स्पष्ट रूप से आतंकवादी गतिविधियों को अब छद्म युद्ध नहीं, बल्कि युद्ध के रूप में देखता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि 6 और 7 मई की रात भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जो पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित थे। उन्होंने कहा कि भारत की कार्रवाई पूरी तरह से नपी-तुली, सटीक और तनाव न बढ़ाने वाली थी।
यह बयान उन अंतरराष्ट्रीय मंचों के लिए भी था, जो अक्सर भारत-पाक संघर्ष को लेकर चिंता जताते हैं। भारत ने यह साबित किया कि उसका उद्देश्य केवल आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश देना है, न कि क्षेत्रीय अशांति फैलाना।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात प्रस्तावित थी, लेकिन ट्रंप को अचानक अमेरिका लौटना पड़ा, जिससे यह संभव नहीं हो सका।
हालांकि, पीएम मोदी ने ट्रंप को भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है। यह भविष्य में भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी की यह बातचीत स्पष्ट संकेत देती है कि भारत अब संप्रभुता और आत्मरक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं करेगा। आतंकवाद के विरुद्ध उसकी नीति अब कहीं अधिक आक्रामक, सटीक और राजनयिक रूप से दृढ़ है।
अमेरिका के साथ सीधा संवाद और पारदर्शिता से भारत ने एक बार फिर साबित किया है कि वह वैश्विक मंच पर आत्मविश्वास के साथ अपनी भूमिका निभा रहा है।