Haryana: पराली जलाने से रोकने में नाकाम 19 अफसरों पर केस दर्ज करने की मांगी अनुमति
कृषि विभाग के सात व सात एसएचओ और पंचायत विभाग के पांच अफसर शामिल हैं। डीसीपी कुरुक्षेत्र ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है कि ये अफसर पराली जलाने से रोकने में नाकाम रहे हैं।

हरियाणा में पराली जलाने से किसानों को रोकने में नाकाम 19 अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की डीसीपी कुरुक्षेत्र ने मुख्य सचिव से अनुमति मांगी हैं। इसमें विकास एवं पंचायत विभाग के पांच, कृषि विभाग सात और पुलिस विभाग के सात अधिकारी शामिल हैं। पहले भी पराली जलाने के रोकने में कोताही बरतने वाले कृषि विभाग के 26 अफसरों को निलंबित किया जा चुका है।
हरियाणा अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (एचएआरएसएसी) की तरफ से इन अफसरों के क्षेत्र में कोताही की सूचना मिली थी। इसके बाद फील्ड स्टॉफ ने पुष्टि भी कर दी। इसके बाद डीसीपी की तरफ से आगे की कार्यवाही शुरू कर दी।
इन अफसरों पर मुकदमे की अनुमति की मांगी : पंचायत विभाग के पांच बीडीपीओ हैं। इनमें थानेसर में तैनात अमित कुमार, लाडवा में साहब सिंह, बाबैन में रूबल दीनदयाल, पिपली में अंकित पूनिया और शाहबाद के नरेंद्र ढुल है। कृषि विभाग के अफसरों में कुरुक्षेत्र के एएई राजेश वर्मा, एपीपीओ अनिल चौहान और यूसीआई शशिपाल व एसएमएस सुनील कुमार, पेहवा के एसडीएओ मनीष वत्स, थानेसर के एसडीएओ जितेंद्र मेहता और शाहबाद के एसीडीओ बलजिंदर सिंह का नाम शामिल है।
वहीं, पुलिस विभाग में सात थानों के एसएचओ हैं। इसमें पेहवा थाना प्रभारी नरेश कुमार, लाडवा के कुलदीप सिंह, पिपली के बलजीत सिंह, थानेसर के दिनेश चौहान, इस्माइलाबाद के राजेश कुमार, बाबैन के जीत राणा और शाहबाद के निर्मल सिंह का नाम शामिल है।
पराली जलाने के मामले में अब तक कार्रवाई
राज्य में बुधवार को पराली जलाने के कुल 03 नए केस आए। अब तक कुल 742 मामले हो चुके है। पराली जलाने पर 556 किसानों की रेड एंट्री हो चुकी हैं,जो दो सीजन तक अपना फसल एमएसपी पर नहीं बेच सकेंगे। वहीं, 337 किसानों का चालान कर 855000 रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है। जबकि 201 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है।