हरियाणा को मिला अपना राज्य गीत – जय जय जय हरियाणा
हरियाणा ने अपना राज्य गीत प्राप्त कर लिया है। बजट सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को सर्वसम्मति से "जय जय जय हरियाणा" को राज्य गीत के रूप में मंजूरी दी गई।

हरियाणा ने अपना राज्य गीत प्राप्त कर लिया है। बजट सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को सर्वसम्मति से "जय जय जय हरियाणा" को राज्य गीत के रूप में मंजूरी दी गई। सत्र के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आग्रह पर विधानसभा में मौजूद सभी विधायकों, अधिकारियों और दर्शकों ने खड़े होकर इस गीत को सुना। कई विधायकों ने सुझाव दिया कि इस गीत को स्कूलों और कॉलेजों में भी लागू किया जाना चाहिए। जिस प्रकार राष्ट्रगान को आदर और सम्मान दिया जाता है, उसी तरह इस राज्य गीत के लिए भी नियम और गाइडलाइंस तैयार की जानी चाहिए। इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने घोषणा की कि इसके नियम और गाइडलाइंस निर्धारित करने के लिए विधायकों की एक कमेटी बनाई जाएगी।
विधानसभा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस गीत को हरियाणा के लोगों के लिए गर्व और गौरव का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस प्रस्ताव को लेकर आए थे, क्योंकि उनका मानना था कि हरियाणा का भी एक राज्य गीत होना चाहिए। सैनी ने कहा कि हरियाणा वर्ष 1966 में एक अलग राज्य बना था, लेकिन छह दशक बीतने के बावजूद उसका कोई राज्य गीत नहीं था। राज्य गीत किसी भी प्रदेश के गौरव और पहचान को दर्शाता है, और यह गीत हरियाणा के इतिहास और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है। इस गीत में हरियाणा की महान संस्कृति की सुगंध समाहित है।
राज्य गीत कमेटी के अध्यक्ष लक्ष्मण यादव ने बताया कि इस गीत को तैयार करने में कई लोगों का योगदान रहा। गीत के भाव और भाषा को लेकर कई सुझाव आए थे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी इसमें अपने सुझाव दिए थे। उन्होंने विशेष रूप से "सुंदर गोरी महिलाओं" शब्द पर आपत्ति जताई थी और पूछा था कि फिर काली महिलाएं कहां जाएंगी? उनके सुझाव को स्वीकार करते हुए इस शब्द को बदलकर "सुंदर स्याणी नारी" कर दिया गया। इस दौरान कमेटी की सदस्य गीता भुक्कल ने बताया कि इस गीत को लिखने, गाने और संगीत देने वाले कलाकारों ने सरकार से कोई भी आर्थिक लाभ नहीं लिया, जबकि सरकार की ओर से उन्हें पारिश्रमिक देने का प्रस्ताव रखा गया था।
हरियाणा के इस राज्य गीत को पानीपत के डॉ. बालकिशन शर्मा ने लिखा है, जबकि इसके गीतकार डॉ. श्याम शर्मा हैं। इस गीत को संगीतकार पारस चोपड़ा ने संगीतबद्ध किया है और इसका निर्देशन मालविका पंडित ने किया है। इस गीत को अंतिम रूप देने के लिए कमेटी की कुल 12 बैठकें हुईं। इस कमेटी में पांच विधायकों को शामिल किया गया था, जिसमें भाजपा विधायक लक्ष्मण सिंह यादव को अध्यक्ष बनाया गया था, जबकि गीता भुक्कल, विनोद भयाना, बलवान सिंह दौलतपुरिया और आदित्य देवीलाल सदस्य के रूप में शामिल थे। इस कमेटी के पास कुल 204 गीत भेजे गए थे, जिनमें से "जय जय जय हरियाणा" को राज्य गीत के रूप में चयनित किया गया।
इस गीत को लेकर राज्य के तीन लोगों ने आपत्ति जताई थी। उनका दावा था कि उन्होंने यह गीत लिखा था और इसमें उनके कुछ बोलों को शामिल किया गया है। हालांकि, कमेटी ने इन सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया और अंततः "जय जय जय हरियाणा" को राज्य गीत के रूप में स्वीकार कर लिया।
हरियाणा का यह राज्य गीत प्रदेश की संस्कृति, वीरता, खेल, शिक्षा, भाईचारे और समृद्धि को दर्शाता है। गीत के बोल हरियाणा की पहचान को संजोए हुए हैं—
जय जय जय हरियाणा, जय जय जय हरियाणा ।
पावन धरती वेदों की, जहां हुआ हरि का आणा ।।
जय जय जय हरियाणा, जय जय जय हरियाणा ।
गीता ज्ञान धरोहर इसकी, महाभारत इतिहास ।
मुकुट शिवालिक आधार अरावली, यमुना बहती पास ।।
मौज मनावैं, कातक न्हावैं, पूरी मन की आस ।
सरस्वती के अमृत रस का, यहीं सदा है वास ।।
सादा जीवन सादा बाणा, दूध दही का खाणा ।
जय जय जय हरियाणा, जय जय जय हरियाणा।
छैल छबीले मर्द निराले, सुंदर स्याणी नार ।
होली, दिवाली, ईद, गुरपुरब, मनते तीज त्योहार ।।
भाईचारा जग से न्यारा, बढ़े प्यार में प्यार ।
दिन दूणा अर रात चौगुणा, शिक्षा और व्यापार ।।
बजते डेरू, ढोल, नगाड़े, सांग, रागणी गाणा।
जय जय जय हरियाणा, जय जय जय हरियाणा।
उपजाते हैं फसल सुनहरी, खेतों बीच किसान ।
खेल खिलाड़ी मेडल लाकर करें देश का मान ।।
सीमाओं पर हरदम चौकस यहां के वीर जवान ।
छोटा सा प्रदेश, देश की अजब निराली शान ।।
अतिथि देवो भवः यहां सेवा धर्म निभाणा ।
जय जय जय हरियाणा, जय जय जय हरियाणा ।
जय जय जय हरियाणा, जय जय जय हरियाणा ।।
इस गीत के माध्यम से हरियाणा की गौरवशाली परंपरा, इसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और मेहनतकश जनता का सम्मान किया गया है।