मिट्टी के चूल्हे और लोकगीतों के साथ छठ पर्व की तैयारी

ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं परंपरागत मिट्टी के चूल्हे बनाकर छठ पर्व की तैयारियों में जुटीं। घरों की सफाई, शाकाहारी भोजन और लोकगीतों के बीच माहौल बना भक्तिमय।

मिट्टी के चूल्हे और लोकगीतों के साथ छठ पर्व की तैयारी

ग्रामीण क्षेत्रों में छठ पर्व की तैयारियों ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया है। इस दौरान महिलाएं परंपरागत मिट्टी के चूल्हे का निर्माण कर रही हैं, जिन्हें श्रद्धालु शुद्ध मानते हैं।

छठ पर्व में शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। इसी वजह से बाजार में मिलने वाले लोहे के चूल्हों की बजाय महिलाएं अपने हाथों से मिट्टी के चूल्हे बनाती हैं। महिलाएं प्रतिदिन स्नान कर शुद्धता के साथ चूल्हे का अंतिम रूप देती हैं।

चूल्हा निर्माण के समय छठी मईया के लोकगीतों की धुन पूरे क्षेत्र में गूँजती है और माहौल और भी भक्तिमय हो जाता है। महिलाएं बताती हैं कि छठ पर्व में घरों की सफाई, शाकाहारी भोजन और लहसुन-प्याज का वर्जन विशेष रूप से किया जाता है।

महिलाओं का कहना है कि इस पर्व का मुख्य उद्देश्य सुख-शांति, धन, संपत्ति, बच्चों की भलाई, नौकरी-पेशा और घर की समृद्धि की कामना करना है। छठ पर्व में निर्माण कार्य को खाली पेट रहकर करना और शुद्धता बनाए रखना परंपरा का अहम हिस्सा है।

पूरे ग्रामीण क्षेत्र में इन तैयारियों और श्रद्धा ने छठ पर्व का माहौल अत्यंत भक्तिमय और उल्लासपूर्ण बना दिया है।