दुनिया में लाखों लोग एज-रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन (AMD) के कारण धीरे-धीरे दृष्टि खो देते हैं, लेकिन अब इस बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए एक नई उम्मीद जागी है। स्टैनफोर्ड मेडिसिन और अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की टीम द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक वायरलेस माइक्रोचिप ‘PRIMA’ इम्प्लांट और स्मार्ट ग्लासेस सिस्टम ने मरीजों की खोई हुई दृष्टि को आंशिक रूप से वापस लाने में सफलता पाई है।
इस तकनीक पर किए गए क्लिनिकल अध्ययन के नतीजे 20 अक्टूबर 2025 को ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में प्रकाशित हुए। अध्ययन के अनुसार, 32 में से 27 प्रतिभागी एक वर्ष के भीतर फिर से पढ़ने में सक्षम हुए।
यह इम्प्लांट आंख की रेटिना के पीछे लगाया जाता है और एक विशेष स्मार्ट ग्लास कैमरा से जुड़ा होता है। यह कैमरा दृश्य जानकारी को इन्फ्रारेड प्रकाश के माध्यम से चिप तक पहुंचाता है, जो उसे इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स में बदल देता है। ये सिग्नल उन क्षतिग्रस्त फोटोरेसेप्टर कोशिकाओं की जगह काम करते हैं जो सामान्य रूप से मस्तिष्क तक दृश्य जानकारी भेजती हैं।
PRIMA प्रणाली दो भागों से बनी है — एक रेटिना में प्रत्यारोपित चिप और दूसरी कैमरा युक्त स्मार्ट ग्लासेस। यह सिस्टम वायरलेस तरीके से काम करता है और बाहरी तारों की जरूरत नहीं होती, जिससे यह मरीज के लिए सुरक्षित और आरामदायक बन जाता है।
अध्ययन में शामिल अधिकतर मरीजों ने बताया कि इस तकनीक से उन्हें शेप और पैटर्न पहचानने की क्षमता (फॉर्म विजन) वापस मिली है, जो पहले संभव नहीं थी। डॉ. डेनियल पलेनकर, स्टैनफोर्ड मेडिसिन में नेत्र विज्ञान के प्रोफेसर और अध्ययन के सह-लेखक, ने कहा, “पहले के सभी कृत्रिम नेत्र उपकरण केवल प्रकाश का एहसास दे पाते थे, लेकिन PRIMA ने वास्तविक आकृति देखने की क्षमता दी है।”
मरीजों ने बताया कि इम्प्लांट के बाद वे किताबें, खाने के लेबल और स्टेशन साइन पढ़ने में सक्षम हुए। स्मार्ट ग्लासेस में कॉन्ट्रास्ट और ज़ूम समायोजन जैसे डिजिटल फीचर मौजूद हैं, जिससे दृश्यता और स्पष्ट हो जाती है।
हालांकि यह तकनीक अभी केवल ब्लैक एंड व्हाइट विजन प्रदान करती है, लेकिन शोधकर्ता अब ग्रे-स्केल और रंगीन दृष्टि विकसित करने पर काम कर रहे हैं। अगली पीढ़ी के चिप्स में 20 माइक्रॉन पिक्सल और 10,000 पिक्सल तक की क्षमता होगी, जिससे मरीजों को 20/80 तक की दृष्टि मिल सकती है — और इलेक्ट्रॉनिक ज़ूम के साथ यह 20/20 के करीब पहुंच जाएगी।
यह सफलता न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि अंधत्व से पीड़ित लोगों के जीवन में नई रोशनी भी ला सकती है।
क्रेडिट नोट:
यह लेख Stanford Medicine द्वारा जारी सामग्री और New England Journal of Medicine (DOI: 10.1056/NEJMoa2501396) में प्रकाशित शोध रिपोर्ट पर आधारित है।
स्रोत: Stanford Medicine, Science Corp., University of Bonn, University of Pittsburgh School of Medicine, University College London, and international collaborators.