हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन को 'घेरने' की तैयारी, इस खास सम्मेलन की मेजबानी करेगी भारतीय सेना
Indian Army News: भारतीय सेना अगले हफ्ते हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के सेना प्रमुखों के दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी करने वाली है. इस सम्मेलन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई पर चर्चा की जाएगी. 'इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ कॉन्फ्रेंस' (IPACC) के तौर पर जाने जाने वाले इस सम्मेलन का विषय 'शांति के लिए एक साथ: भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना' है. भारतीय सेना ने इसकी जानकारी दी है. सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, IPACC सुरक्षा पर विचारों के आदान-प्रदान, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक प्लेटफॉर्म है. इसके अलावा ये हिंद-प्रशांत के भागीदारों के बीच आपसी समझ और संवाद विकसित करने वाला एक मंच भी है. इस सम्मेलन में साझा मुद्दों पर चर्चा के लिए 30 से ज्यादा देश भाग लेंगे. इस सम्मेलन से इतर बुधवार को एक कार्यक्रम भी हुआ, जिसकी भी जानकारी दी गई है. "Together for Peace: Sustaining Peace & Stability in the Indo-Pacific Region"Indo-Pacific Armies Chiefs Conference #IPACCA platform to exchange ideas and views on security, promote peace & stability in the Indo-Pacific region and develop mutual understanding & dialogue… pic.twitter.com/gm7xSVeVkC — ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) September 23, 2023 कब होगा कार्यक्रम? भारतीय सेना ने बताया कि 20 सितंबर को शुरुआती कार्यक्रम के दौरान सम्मेलन में हिस्सा लेने आए लोगों के बीच अच्छी बातचीत हुई. इसमें विभिन्न देशों के विदेश सेवा अधिकारियों ने लेफ्टिनेंट जनरल सुचिंद्र कुमार (वीसीओएएस भारतीय सेना) और लेफ्टिनेंट जनरल तरुण कुमार आइच (डीसीओएएस-रणनीति) से बात की. अब नई दिल्ली में 25 से 27 सितंबर तक होने वाले मुख्य कार्यक्रम में कई देशों के सेना प्रमुखों के हिस्सा लेने का इंतजार किया जा रहा है. सम्मेलन में क्या होगा? सम्मेलन हिंद-प्रशांत में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों को लेकर उपजी वैश्विक चिंताओं के मद्देनजर क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक साझा रणनीति विकसित की जाएगी. अमेरिकी सेना इस सम्मेलन की सह-मेजबानी कर रही है. IPACC में विभिन्न संकटों से निपटने में सैन्य कूटनीति की भूमिका, क्षेत्र के सशस्त्र बलों के बीच सहयोग में इजाफा करने के तरीकों और अंतर-संचालन को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार-विमर्श किया जाएगा. भारतीय सेना IPACC के 13वें संस्करण के साथ 47वें इंडो-पैसिफिक आर्मीज मैनेजमेंट सेमिनार (आईपीएएमएस) और सीनियर एनलिस्टेड लीडर्स फोरम (एसईएलएफ) की भी मेजबानी करेगी. आईपीएसीसी 1999 में शुरू किया गया एक द्विवार्षिक सम्मेलन है, जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के सेना प्रमुख साझा हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए इकट्ठे होते हैं. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे इस सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. यह भी पढ़ें: इंडियन आर्मी का 4 पैरों वाला बेजुबान सिपाही, जो दुश्मन की सीमा में 10 किमी घुसकर कर सकता है अटैक
Indian Army News: भारतीय सेना अगले हफ्ते हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के सेना प्रमुखों के दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी करने वाली है. इस सम्मेलन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई पर चर्चा की जाएगी. 'इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ कॉन्फ्रेंस' (IPACC) के तौर पर जाने जाने वाले इस सम्मेलन का विषय 'शांति के लिए एक साथ: भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना' है. भारतीय सेना ने इसकी जानकारी दी है.
सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, IPACC सुरक्षा पर विचारों के आदान-प्रदान, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक प्लेटफॉर्म है. इसके अलावा ये हिंद-प्रशांत के भागीदारों के बीच आपसी समझ और संवाद विकसित करने वाला एक मंच भी है. इस सम्मेलन में साझा मुद्दों पर चर्चा के लिए 30 से ज्यादा देश भाग लेंगे. इस सम्मेलन से इतर बुधवार को एक कार्यक्रम भी हुआ, जिसकी भी जानकारी दी गई है.
"Together for Peace: Sustaining Peace & Stability in the Indo-Pacific Region"
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) September 23, 2023
Indo-Pacific Armies Chiefs Conference #IPACC
A platform to exchange ideas and views on security, promote peace & stability in the Indo-Pacific region and develop mutual understanding & dialogue… pic.twitter.com/gm7xSVeVkC
कब होगा कार्यक्रम?
भारतीय सेना ने बताया कि 20 सितंबर को शुरुआती कार्यक्रम के दौरान सम्मेलन में हिस्सा लेने आए लोगों के बीच अच्छी बातचीत हुई. इसमें विभिन्न देशों के विदेश सेवा अधिकारियों ने लेफ्टिनेंट जनरल सुचिंद्र कुमार (वीसीओएएस भारतीय सेना) और लेफ्टिनेंट जनरल तरुण कुमार आइच (डीसीओएएस-रणनीति) से बात की. अब नई दिल्ली में 25 से 27 सितंबर तक होने वाले मुख्य कार्यक्रम में कई देशों के सेना प्रमुखों के हिस्सा लेने का इंतजार किया जा रहा है.
सम्मेलन में क्या होगा?
सम्मेलन हिंद-प्रशांत में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों को लेकर उपजी वैश्विक चिंताओं के मद्देनजर क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक साझा रणनीति विकसित की जाएगी. अमेरिकी सेना इस सम्मेलन की सह-मेजबानी कर रही है. IPACC में विभिन्न संकटों से निपटने में सैन्य कूटनीति की भूमिका, क्षेत्र के सशस्त्र बलों के बीच सहयोग में इजाफा करने के तरीकों और अंतर-संचालन को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
भारतीय सेना IPACC के 13वें संस्करण के साथ 47वें इंडो-पैसिफिक आर्मीज मैनेजमेंट सेमिनार (आईपीएएमएस) और सीनियर एनलिस्टेड लीडर्स फोरम (एसईएलएफ) की भी मेजबानी करेगी. आईपीएसीसी 1999 में शुरू किया गया एक द्विवार्षिक सम्मेलन है, जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के सेना प्रमुख साझा हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए इकट्ठे होते हैं. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे इस सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय बैठकें करेंगे.
यह भी पढ़ें: इंडियन आर्मी का 4 पैरों वाला बेजुबान सिपाही, जो दुश्मन की सीमा में 10 किमी घुसकर कर सकता है अटैक