बिहार चुनाव में अमित शाह बोले, जंगलराज की वापसी रोकें

हिलसा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह चुनाव बिहार में जंगलराज की वापसी रोकने और एनडीए सरकार को मजबूत करने का है।

बिहार चुनाव में अमित शाह बोले, जंगलराज की वापसी रोकें

हिलसा में आयोजित एनडीए की यह चुनावी जनसभा एक राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन साबित हुई। मंच पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ जदयू और भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। भीड़ उमड़ने से आयोजन स्थल पर जनसैलाब जैसा माहौल बन गया।

अमित शाह ने अपने संबोधन की शुरुआत बिहार की जनता को नमन करते हुए की। उन्होंने कहा,

“बिहार की यह धरती हमेशा परिवर्तन की जननी रही है। आज जब देश प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है, तो बिहार को भी स्थिरता और विकास के रास्ते पर ले जाना जरूरी है।”

शाह ने इस दौरान जनता से अपील की कि वे एनडीए के प्रत्याशियों को भारी बहुमत से विजयी बनाएं ताकि राज्य में विकास की गति और तेज हो सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाएं तभी सफल होंगी जब राज्य में भी स्थिर और समर्थ सरकार बनेगी।

गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में राजद और लालू परिवार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि

“राजद का शासन बिहार के लिए एक काला अध्याय था। अपहरण उद्योग, डकैती और भ्रष्टाचार उस दौर की पहचान बन गए थे। अब बिहार की जनता फिर से उस दौर में नहीं लौटना चाहती।”

उन्होंने यह भी कहा कि राजद शासन में नालंदा, हिलसा और इस्लामपुर जैसे इलाके अपराध की चपेट में थे, और उद्योग-व्यापार पूरी तरह ठप हो गया था।

अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि यह चुनाव दो विचारधाराओं की लड़ाई है—एक जो बिहार को पीछे ले जाना चाहती है और दूसरी जो बिहार को आत्मनिर्भर और विकसित बनाना चाहती है।
उन्होंने कहा,

“यह चुनाव सिर्फ विधायक या मंत्री चुनने का नहीं, बल्कि बिहार में जंगलराज की वापसी को रोकने का चुनाव है। तीर के निशान पर पड़ने वाला हर वोट नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी को मजबूत करेगा।”

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र की योजनाएं—जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, हर घर नल योजना और उज्ज्वला योजना—ने बिहार के गरीबों के जीवन में ऐतिहासिक बदलाव लाया है।

अमित शाह ने नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की जोड़ी को बिहार की स्थिरता का गारंटर बताया। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने राज्य में सड़कों, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े सुधार किए हैं।

“नीतीश कुमार ने बिहार में कानून-व्यवस्था सुधारी, जबकि नरेंद्र मोदी ने देशभर में गरीबों और किसानों के लिए ऐतिहासिक योजनाएं चलाईं। ये जोड़ी बिहार को विकास के नए दौर में ले जा रही है।”

शाह ने सभा में उपस्थित भीड़ से पूछा, “क्या आप फिर से अपहरण, डकैती और भ्रष्टाचार का दौर चाहते हैं?”
जनता ने जोरदार “नहीं” में जवाब दिया। इस पर शाह ने कहा,

“तो फिर इस बार हर बूथ पर कमल और तीर दोनों निशान को जिताना है, ताकि बिहार का विकास कभी न रुके।”

हिलसा, नालंदा और इस्लामपुर विधानसभा सीटों से एनडीए प्रत्याशियों के नामों का उल्लेख करते हुए अमित शाह ने कहा कि जनता को इन उम्मीदवारों को भारी बहुमत से जिताना चाहिए ताकि बिहार की सरकार केंद्र के साथ मिलकर काम कर सके।

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा और जदयू ने बिहार को नई दिशा दी है—जहां शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में लगातार सुधार हुआ है।

शाह ने महागठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष सिर्फ सत्ता के लिए एकजुट हुआ है, लेकिन उनके पास न तो कोई नीति है और न कोई नीयत।

“इनका एकमात्र मकसद है—नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी को रोकना। मगर बिहार की जनता अब जाग चुकी है।”

अपने भाषण के अंत में अमित शाह ने कहा कि बिहार को आगे बढ़ाने के लिए एक मजबूत और स्थिर सरकार जरूरी है।

“प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व में अपनी नई पहचान बना रहा है। अब बिहार को भी इस विकास यात्रा में कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।”

सभा समाप्त होने के बाद भीड़ ने ‘मोदी-शाह जिंदाबाद’ और ‘नीतीश कुमार अमर रहें’ के नारे लगाते हुए एनडीए के प्रति अपना समर्थन जताया। अमित शाह की हिलसा रैली ने बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के चुनाव प्रचार को नई गति दी है। उनके भाषण ने न केवल विपक्ष पर हमला बोला बल्कि जनता के बीच विकास, स्थिरता और सुशासन का संदेश भी मजबूती से पहुंचाया। अब देखना यह होगा कि बिहार की जनता इस अपील को कितनी गंभीरता से लेती है और आगामी चुनाव में क्या फैसला सुनाती है।