क्यूआर कोड और अल्फा न्यूमेरिक कोड लागू करने से नकल पर अंकुश लगा : डॉ वीपी यादव

सोनीपत। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी के चेयरमैन डॉ. वीपी यादव ने कहा कि क्यूआर कोड और अल्फा न्यूमेरिक कोड लागू करने से नकल पर अंकुश लगा है।

क्यूआर कोड और अल्फा न्यूमेरिक कोड लागू करने से नकल पर अंकुश लगा : डॉ वीपी यादव

सोनीपत। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी के चेयरमैन डॉ. वीपी यादव ने कहा कि क्यूआर कोड और अल्फा न्यूमेरिक कोड लागू करने से नकल पर अंकुश लगा है।

सोनीपत। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी के चेयरमैन डॉ. वीपी यादव ने कहा कि क्यूआर कोड और अल्फा न्यूमेरिक कोड लागू करने से नकल पर अंकुश लगा है। यही कारण है कि गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष पेपर आउट होने व नकल के मामलों का ग्राफ नीचे गिरा है। डॉ. वीपी यादव सोमवार को सोनीपत के पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

डॉ. वीपी यादव ने कहा कि सोनीपत के खरखौदा में जब पहले भ्रमण किया था तो यहां काफी अनियमितताएं दिखाई दी थीं लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं मिला। कुंडली के एक सेंटर में बहुत ही शांति और अच्छे ढंग से पेपर चलते मिले हैं। क्यूआर कोड और अल्फा न्यूमेरिक कोड लागू करने से पहले साल 2022 में प्रदेश में यूएमसी के 3800 केस थे, वर्ष 2023 में यूएमसी के लगभग 1800 केस थे, जबकि इस वर्ष प्रदेश में यूएमसी के सिर्फ 760 केस मिले है। सोनीपत जिले की बात करें तो साल 2023 में यहां नकल के 200 मामले मिले थे, इस वर्ष महज 68 केस आए हैं। अब पेपर आउट करने वाला कोई भी व्यक्ति बच नहीं सकता। प्रदेश में इस बार 10 से 11 जगह पेपर आउट होने की शिकायत आई हैं। इनमें सोनीपत जिले में दो मामले शामिल हैं। जो पेपर रद्द हुए हैं, उनकी परीक्षाएं 03 से 06 अप्रैल के बीच में दोबारा करवाई जाएंगी।

शुरू की जाएगी डिजिटल मार्किंग
चेयरमैन डॉ. वीपी यादव ने कहा कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड डिजिटलाइजेशन की तरफ कदमताल करते हुए टेक्नोलॉजी के साथ में आगे बढ़ रहा है। आगामी सत्र से डिजिटल मार्किंग शुरू की जाएगी, जिसके बहुत फायदे हैं। डिजिटल मार्किंग में उत्तर पुस्तिका का कोई भी पेज या प्रश्न बिना जांच के नहीं रह सकता। यदि कोई दोहराव है तो उसे भी टीचर को तुरंत बता देगा। विद्यार्थी के प्राप्त अंकों का जोड़ भी स्वत: होगा। डिजिटल मार्किंग हरियाणा शिक्षा बोर्ड का क्रांतिकारी कदम है।

पास फार्मूले में किया बदलाव, मिलेगा फायदा
डॉ. वीपी यादव ने बताया कि दसवीं कक्षा का पास परिणाम बढ़ाने के लिए शिक्षा बोर्ड की तरफ से सीबीएसई के तर्ज पर ही पहले 20 नंबर का आंतरिक मूल्यांकन और 80 नंबर का थ्योरी पेपर होता है। इसमें विद्यार्थी को दोनों में अलग-अलग 33 फीसदी अंक प्राप्त करने होते थे। अब हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने फार्मूला बदला है। जिसमें दोनों में कुल मिलाकर अगर 33 फीसदी अंक विद्यार्थी को प्राप्त होते है तो उसे पास माना जाएगा।