Who is Vijay Nair: कौन है विजय नायर, जिसका शराब नीति में बार-बार हो रहा जिक्र, पार्ट टाइम वॉलंटियर से बना ली सरकार-पार्टी में गहरी पैठ?
दिल्ली की आबकारी नीति मामले में सोमवार (1 अप्रैल, 2024) को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने दलील दी कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी को बताया था कि आबकारी मामले के सह-आरोपी विजय नायर उनको रिपोर्ट नहीं करते थे. नायर दिल्ली की मंत्री आतिशी को रिपोर्ट करते थे.

Who is Vijay Nair: दिल्ली की आबकारी नीति मामले में सोमवार (1 अप्रैल, 2024) को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने दलील दी कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी को बताया था कि आबकारी मामले के सह-आरोपी विजय नायर उनको रिपोर्ट नहीं करते थे. नायर दिल्ली की मंत्री आतिशी को रिपोर्ट करते थे.
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट में ईडी की ओर से एसवी राजू ने दलील दी कि अरविंद केजरीवाल ने पूछताछ के दौरान गुमराह किया है और उनकी तरह से मामले की जांच में सहयोग नहीं किया गया. एजेंसी ने यह भी कहा कि उनका (केजरीवाल) कहना है कि विजय नायर मुझे नहीं बल्कि आतिशी को रिपोर्ट करते थे. ईडी ने कोर्ट को इस मामले में भी अवगत कराया कि केजरीवाल अपने फोन का पासवर्ड भी साझा नहीं कर रहे हैं.
कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
ईडी की इन दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने सोमवार को सीएम केजरीवाल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिये जिसके बाद उनको दोपहर में तिहाड़ जेल भेज दिया गया. अब इस पूरे मामले में विजय नायर के नाम के एक बार फिर सुर्खियों में आने के बाद जानते हैं कि आखिर उनकी इस पूरे मामले में क्या भूमिका रही है? आम आदमी पार्टी से उनका क्या किस तरह का संबंध रहा है?
आम आदमी पार्टी के साथ किस तरह बना जुड़ाव
एचटी के मुताबिक, विजय नायर आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन इंचार्ज पद पर रहे हैं. वह रद्द हो चुकी आबकारी नीति 2021-22 में बरती गईं कथित अनियमितताओं के आरोपियों में से एक हैं जिन पर ईडी पहले ही शिकंजा कस चुकी है.
न्यूज 18 की रिपोर्ट के हवाले से, विजय नायर 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के पार्टटाइम वालेंटियर के रूप में जुड़े थे. वह पार्टी के लिए सोशल मीडिया (संचार) और मार्केटिंग का जिम्मा भी संभाल चुके हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विजय नायर एक एंटरटेंमेंट और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी - ओनली मच लाउडर (ओएमएल) के पूर्व सीईओ भी हैं.
द क्विंट की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विजय नायर ने ओनली मच लाउडर शुरू करने के लिए कॉलेज छोड़ दिया था, जिसका हैडक्वार्टर मुंबई में है. नायर बैबलफिश और मदर्सवियर कंपनियों से भी जुड़े रहे. ओएमएल स्वतंत्र कलाकारों को स्पोर्ट करने के साथ-साथ ईस्ट इंडिया कॉमेडी और दूसरे कॉमेडी ग्रुप्स को बढ़ावा देने का काम करते रहे हैं. उनकी कंपनी एनएच7 वीकेंडर कंर्ट का भी आयोजन करती थी.
द कारवां की रिपोर्ट के मुताबिक, विजय नायर पर 2018 में 'मी टू मूवमेंट' के दौरान दुर्व्यवहार और यौन उत्पीड़न के आरोप भी लग चुके हैं. इसके अतिरिक्त उन पर ओएमएल के सीईओ रहने के दौरान यौन उत्पीड़न, लिंगवाद और महिलाओं के प्रति द्वेष भावना रखने आदि जैसे माहौल को बढ़ावा देने के गंभीर आरोप भी लगे थे. रिपोर्ट में यह भी दावा कर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने एक महिला को अपने साथ बाथटब में जाने को कहा था और रात के 2 बजे एक अन्य महिला को कथित तौर पर कहा था कि उनको मसाज की जरूरत है.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विजय नायर का 2014 में 10 मिलियन डॉलर का कारोबार था. उनका नाम 2016 में फॉर्च्यून इंडिया में भी आया था. वह 40 अंडर की सूची में 40वें नंबर पर रहे थे.
ईडी ने जनवरी में विजय नायर को किया था गिरफ्तार
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, आबकारी नीति मामले में विजय नायर को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नवंबर 2022 से हिरासत में लिया था. सीबीआई गिरफ्तारी के बाद उनको नियमित जमानत दे दी गई थी. इस साल जनवरी में चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दिए जाने से पहले उनको प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले के सिलसिले में हिरासत में लिया था और वह फिलहाल जेल में बंद हैं. सीबीआई ने आरोप लगाया था कि विजय नायर ने एक लिकर कंपनी के मालिक से रिश्वत वसूली थी.