क्या आपका उपकरण बना है जासूस का उपकरण? जानिए सच

स्मार्टफोन ऐप्स कैसे आपकी जानकारी जुटाकर आपकी जासूसी करते हैं, जानिए इस लेख में इसके तरीके और सुरक्षा उपाय।

क्या आपका उपकरण बना है जासूस का उपकरण? जानिए सच

डिजिटल युग में स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। हर दिन हम सैकड़ों बार अपने मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं—कभी सोशल मीडिया के लिए, कभी ऑनलाइन खरीदारी के लिए, तो कभी बैंकिंग या लोकेशन शेयरिंग के लिए। इसी सुविधा के बीच एक अदृश्य खतरा भी छुपा होता है—जासूसी। जी हाँ, कई मोबाइल ऐप्स चुपचाप आपकी जासूसी कर सकते हैं, और आपको इसका पता तक नहीं चलता।

जब आप किसी ऐप को डाउनलोड करते हैं, तो वह आपसे कुछ परमिशन मांगता है—जैसे कि कैमरा एक्सेस, माइक्रोफोन, लोकेशन, कॉन्टैक्ट्स और गैलरी तक पहुंच। इन अनुमति के जरिए ऐप डेवलपर को आपके फोन के अंदर की कई निजी जानकारियां मिल जाती हैं। कई बार ये परमिशन ऐप की कार्यप्रणाली के लिए जरूरी होती हैं, लेकिन अधिकतर मामलों में ये अनावश्यक रूप से मांगी जाती हैं और उन्हीं के जरिए आपकी जासूसी होती है।

कई फ्री ऐप्स, विशेष रूप से गेमिंग, कैमरा या टॉर्च ऐप्स, डेटा एकत्रित करने के लिए बनाए जाते हैं। ये आपके व्यवहार, पसंद-नापसंद, आपकी ब्राउज़िंग हिस्ट्री, लोकेशन और यहां तक कि आपकी बातचीत भी रिकॉर्ड कर सकते हैं। फिर यह जानकारी थर्ड पार्टी विज्ञापनदाताओं या डेटा कंपनियों को बेची जाती है। इससे आपके ऊपर टारगेटेड विज्ञापन दिखाए जाते हैं, और आपकी ऑनलाइन आदतों का विश्लेषण किया जाता है।

सबसे गंभीर बात यह है कि कुछ खतरनाक ऐप्स आपके फोन को रिमोटली एक्सेस भी कर सकते हैं। वे आपकी कॉल्स सुन सकते हैं, कीबोर्ड पर टाइप की गई जानकारी ट्रैक कर सकते हैं और यहां तक कि आपके कैमरा या माइक्रोफोन को बिना आपकी जानकारी के चालू भी कर सकते हैं। इस तरह की जासूसी से न सिर्फ आपकी निजता भंग होती है, बल्कि बैंकिंग धोखाधड़ी या पहचान की चोरी जैसे साइबर अपराध भी हो सकते हैं।

भारत सहित दुनियाभर में डेटा सुरक्षा कानूनों पर काम हो रहा है, लेकिन जब तक हम खुद सतर्क नहीं होंगे, तब तक ऐसी जासूसी से बच पाना मुश्किल है। हर ऐप इंस्टॉल करते समय उसकी परमिशन, समीक्षा और स्रोत की जांच करना जरूरी है। जितना संभव हो, केवल भरोसेमंद और ज़रूरी ऐप्स का ही उपयोग करें और समय-समय पर ऐप परमिशन को रिव्यू करते रहें।

यह समझना बेहद जरूरी है कि डिजिटल सुविधा के साथ-साथ डिजिटल खतरे भी बढ़ रहे हैं। जरा सी लापरवाही हमारी निजता और सुरक्षा दोनों को खतरे में डाल सकती है। इसलिए स्मार्टफोन के स्मार्ट उपयोग के साथ सतर्क रहना ही आज की सबसे बड़ी जरूरत है।

अगर आप सोचते हैं कि एक साधारण ऐप आपकी जिंदगी में कुछ नहीं बदल सकता, तो फिर से सोचिए—क्योंकि आजकल ऐप्स केवल काम नहीं करते, बल्कि आपको 'देख' भी रहे हैं।

Disclaimer:
इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता और शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। इसका उद्देश्य किसी विशेष मोबाइल एप्लिकेशन या कंपनी को बदनाम करना नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी ऐप का उपयोग करने से पहले उसकी अनुमति, समीक्षा और स्रोत की जांच स्वयं करें। किसी भी प्रकार की डेटा चोरी या जासूसी से उत्पन्न समस्या के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे। अपनी डिजिटल सुरक्षा के लिए सतर्क रहना और आवश्यक सावधानी बरतना प्रत्येक उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।