जीएसटी कटौती से ऑटो सेक्टर में बढ़ेगी मांग और रोजगार

एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च का अनुमान है कि जीएसटी दरों में कटौती से भारत में ऑटो सेक्टर की मांग, रोजगार और निवेश को बड़ा फायदा होगा। छोटी कारों के दाम 8% तक और बड़ी कारों के दाम 3-5% तक कम हो सकते हैं।

जीएसटी कटौती से ऑटो सेक्टर में बढ़ेगी मांग और रोजगार

एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में प्रस्तावित जीएसटी कटौती से दीर्घकालिक ऑटोमोबाइल मांग और रोजगार सृजन को नई गति मिलेगी। सरकार जीएसटी स्लैब को सरल बनाने पर विचार कर रही है। वर्तमान में ऑटोमोबाइल पर 28 प्रतिशत जीएसटी और उसके ऊपर सेस लगाया जाता है, जिसे 18 प्रतिशत तक घटाने और सेस हटाने का प्रस्ताव है।

रिपोर्ट के अनुसार, यात्री वाहन (Passenger Vehicles - PV) से हर साल लगभग 14-15 अरब डॉलर और दोपहिया वाहनों से 5 अरब डॉलर का जीएसटी संग्रह होता है। हालांकि, दरों में बदलाव से सरकार को 5-6 अरब डॉलर तक का राजस्व नुकसान झेलना पड़ सकता है।

छोटी और बड़ी कारों पर असर

फिलहाल, छोटी कारों पर 28% से लेकर बड़ी कारों पर 50% तक कर वसूला जाता है। नई व्यवस्था में, सरकार छोटी कारों पर कर को घटाकर 18% कर सकती है और बड़ी कारों पर 40% तक का कर निर्धारित कर सकती है। इसके साथ ही अतिरिक्त सेस को पूरी तरह समाप्त करने की संभावना है।

इस बदलाव से छोटी कारों की कीमतें 8% तक और बड़ी कारों की कीमतें 3-5% तक कम हो सकती हैं।

कंपनियों को होगा फायदा

रिपोर्ट में कहा गया है कि मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (MSIL) को इस बदलाव से सबसे अधिक फायदा होगा, क्योंकि इसकी कुल बिक्री का लगभग 68% हिस्सा 28% कर श्रेणी वाली छोटी कारों से आता है। वहीं, महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) को भी आंशिक लाभ मिलेगा, हालांकि इलेक्ट्रिक वाहनों में अधिक निवेश होने के कारण यह कंपनी कुछ हद तक नुकसानदेह स्थिति में रहेगी।

सरकार का संभावित घाटा

अगर सरकार सभी श्रेणियों में 10 प्रतिशत की एक समान कटौती करती है, तो राजस्व में 5-6 अरब डॉलर तक की कमी हो सकती है। हालांकि, इससे ऑटो सेक्टर में बिक्री और मांग में तेजी आने की संभावना भी प्रबल है।