मध्यप्रदेश में ‘ग्रोथ हब’ पहल का शुभारंभ, इंदौर-भोपाल क्षेत्रों में आर्थिक विकास को नई दिशा
मुख्य सचिव अनुराग जैन की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश में ‘ग्रोथ हब’ पहल का शुभारंभ किया गया। नीति आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से इंदौर और भोपाल क्षेत्रों के लिए दीर्घकालिक आर्थिक विकास रणनीति तैयार की जाएगी।
मध्यप्रदेश की आर्थिक प्रगति को नई दिशा देने के उद्देश्य से मुख्य सचिव अनुराग जैन की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में राज्य की महत्वाकांक्षी पहल ‘ग्रोथ हब (G-Hub)’ का औपचारिक शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम नीति आयोग और मध्यप्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयास से प्रारंभ हुआ है, जिसका उद्देश्य इंदौर और भोपाल क्षेत्रों के लिए व्यापक और दीर्घकालिक आर्थिक विकास रणनीति तैयार करना है।
इस अवसर पर नीति आयोग के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर सुश्री एना रॉय ने किया। बैठक में अपर मुख्य सचिव (योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी) संजय कुमार शुक्ल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी (राज्य नीति आयोग) ऋषि गर्ग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जबकि संबंधित जिलों के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि सुविचारित आर्थिक योजना न केवल क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि अनियंत्रित शहरी विकास पर भी नियंत्रण स्थापित करेगी। उन्होंने बताया कि यह पहल राज्य की ‘विकसित मध्यप्रदेश’ दृष्टि के अनुरूप है, जो नागरिकों को समृद्ध जीवन, रोजगार अवसर और सांस्कृतिक गौरव प्रदान करने के लिए कार्यरत है।
सुश्री एना रॉय ने बताया कि इंदौर और भोपाल आर्थिक क्षेत्रों के लिए समग्र आर्थिक मास्टर प्लान अगले वित्त वर्ष की शुरुआत तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। नीति आयोग इस दिशा में राज्य सरकार को हर संभव सहयोग प्रदान करेगा।
‘ग्रोथ हब’ पहल के पहले चरण में दो प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा—
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इंदौर आर्थिक क्षेत्र: इंदौर, उज्जैन, देवास, धार, खरगोन, रतलाम, शाजापुर और खंडवा
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भोपाल आर्थिक क्षेत्र: भोपाल, राजगढ़, विदिशा, रायसेन, सीहोर और नर्मदापुरम्
इन क्षेत्रों के लिए आर्थिक प्रोफाइल, प्राथमिक परियोजनाओं की सूची, और क्रियान्वयन रोडमैप तैयार किया जाएगा। इसके दूसरे चरण में जबलपुर, सतना-रीवा, सागर और ग्वालियर क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा।
बैठक के दौरान नीति आयोग ने G-Hub पहल का प्रस्तुतिकरण दिया। संबंधित जिलों ने अपनी आर्थिक प्रोफाइल, प्रमुख अवसर, बाधाएँ और 90-दिवसीय कार्ययोजना साझा की। चर्चा के दौरान कई त्वरित कार्यों पर सहमति बनी, जिनमें शामिल हैं—
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कॉमन फैसिलिटी सेंटर्स (CFCs) की स्थापना
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प्लग-एंड-प्ले अवसंरचना विकास
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एंटरप्राइज सपोर्ट सेंटर्स
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लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग व्यवस्था
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कौशल विकास एवं अप्रेंटिसशिप कार्यक्रम
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निवेश प्रोत्साहन और एकीकृत मास्टर प्लानिंग
मुख्य सचिव जैन ने कहा कि इस पहल के माध्यम से राज्य में परियोजना-आधारित क्रियान्वयन, नीति सरलीकरण, भूमि आपूर्ति, एकीकृत अवसंरचना और निवेश प्रोत्साहन के जरिए उच्च आर्थिक वृद्धि, गुणवत्तापूर्ण रोजगार और बेहतर ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ सुनिश्चित की जाएगी।
‘ग्रोथ हब’ पहल को मध्यप्रदेश की दीर्घकालिक आर्थिक दृष्टि के रूप में देखा जा रहा है, जो राज्य को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक विकास के नए आयामों तक ले जाएगी।