सैट के साथ जुड़े इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मयंक जैन, जानें क्या रहेगा उनका काम

SAT Judicial Member: केंद्र सरकार ने जस्टिस मयंक कुमार जैन को प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) का दूसरा जुडिशियल मेंबर चुना है. वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज रह चुके हैं.

सैट के साथ जुड़े इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मयंक जैन, जानें क्या रहेगा उनका काम

केंद्र सरकार ने जस्टिस मयंक कुमार जैन को प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) का दूसरा जुडिशियल मेंबर चुना है. वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज रह चुके हैं. वह चार साल के लिए या जब तक 67 साल के नहीं हो जाते, तब तक इस पद पर बने रहेंगे. 3 जनवरी को ऑफिशियल गैजेट में वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में उनकी इस नियुक्ति को औपचारिक रूप दिया गया. 

फाइनेंस मिनिस्ट्री के अंडर काम करता है SAT

SAT भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) अधिनियम के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है, जिसका काम सेबी, भारतीय बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (IRDAI) और पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) के दिए गए आदेशों के खिलाफ अपीलों की सुनवाई और उनका निपटारा करना है. यह बाजार में किसी प्रकार के हेरफेर, ट्रेडिंग और नियमों के उल्लंघन पर नजर रखने के साथ-साथ सेबी के अधिकार क्षेत्र में आने वाले अन्य मामलों को भी संभालता है. SAT वित्त मंत्रालय के तहत काम करता है और इसका एक ही ब्रांच मुंबई में है. 

अब तक सिंगल बेंच के साथ काम करता था SAT

मौजूदा समय में SAT कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व जज दिनेश कुमार की अध्यक्षता वाली सिंगल बेंच के साथ काम करता है. उन्होंने यह जिम्मेदारी अप्रैल, 2024 में संभाली. SAT के अन्य टेक्नीकल मेंबर मीरा स्वरूप और धीरज भटनागर भी हैं. SAT में जस्टिस मयंक कुमार जैन के शामिल होने से बढ़ते मामलों को जल्दी से जल्दी सॉल्व करने में मदद मिलेगी.

जस्टिस मयंक ने 1990 में शुरू किया था अपना करियर

1984 में मेरठ यूनिवर्सिटी से लॉ में ग्रैजुएट की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने मुजफ्फरनगर में सिविल लॉ में अपनी प्रैक्टिस शुरू की. 1990 में उनका जुडिशियल करियर शुरू हुआ. उस वक्त उनकी नियुक्ति मुंसिफ के रूप में हुई. दिसंबर, 2008 तक हायर जुडिशियल सर्विसेज  (HJS) कैडर में उन्हें प्रोमोटेड कर दिया गया. इसके बाद उन्होंने कई अहम पदों की जिम्मेदारी संभाली. इनमें मेरठ में कमर्शियल टैक्स ट्रिब्यूनल के एक सदस्य के रूप में काम करने के साथ-साथ गाजियाबाद, सहारनपुर और बरेली जैसे शहरों में डिवीजन बेंच संभालना तक शामिल रहा. नवंबर, 2024 में वह रिटायर हुए.