करदाताओं के लिए बड़ी राहत, टैक्स कानून अब होगा समझने में आसान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स बिल 2025 को सरल और स्पष्ट भाषा में तैयार करने की घोषणा की, जिससे करदाताओं को नियम समझने और अनुपालन में आसानी होगी।

करदाताओं के लिए बड़ी राहत, टैक्स कानून अब होगा समझने में आसान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स विभाग के 166वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में घोषणा की कि नया इनकम टैक्स बिल 2025 अब सरल और आम भाषा में तैयार किया गया है। उनका कहना था कि यह नया कानून करदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है ताकि टैक्स नियमों की समझ आसान हो और भ्रम की स्थिति में कमी आए। यह कदम करदाताओं को न केवल नियमों को बेहतर समझने में मदद करेगा, बल्कि अनुपालन प्रक्रिया को भी सरल बनाएगा।

सीतारमण ने इस अवसर पर विभाग से अपील की कि वह लंबित टैक्स विवादों का शीघ्रता से निपटारा करे, विशेष रूप से उन मामलों का जो फेसलेस अपीलेट अथॉरिटीज के पास विचाराधीन हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि 2024-25 के बजट में घोषित नई मौद्रिक सीमा के तहत आने वाले पुराने विवादित मामलों में की गई अपीलों को तीन महीने के भीतर वापस लिया जाए, जिससे टैक्स प्रणाली में पारदर्शिता और गति सुनिश्चित की जा सके।

वित्त मंत्री ने करदाताओं की शिकायतों को समयबद्ध रूप से सुलझाने और टैक्स रिफंड की प्रक्रिया को तेज़ करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिकायतों की गहराई में जाकर समाधान निकालने के लिए ठोस रणनीतियां तैयार करनी होंगी ताकि भविष्य में दोहराव से बचा जा सके। उन्होंने क्षेत्रीय कार्यालयों के कामकाज की समीक्षा करते हुए प्रदर्शन को “ऑर्डर गिविंग इफेक्ट”, रेक्टिफिकेशन, और सेक्शन 119 के तहत क्षमा याचना जैसे सूचकांकों के आधार पर जांचने का सुझाव दिया।

निर्मला सीतारमण ने विभाग की इस बात के लिए सराहना की कि उन्होंने नया इनकम टैक्स बिल निर्धारित समयसीमा में तैयार किया और इसमें सेलेक्ट कमेटी की सिफारिशों को भी गंभीरता से शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के उपयोग को और बढ़ाया जाएगा ताकि टैक्स सेवाएं अधिक तेज़, आसान और भरोसेमंद बन सकें। उनका यह भी मानना है कि करदाताओं के साथ व्यवहार करते समय निष्पक्षता, सहानुभूति और व्यावसायिकता जरूरी है, जिससे सरकार सिर्फ नियमों के ज़रिए नहीं बल्कि अपने व्यवहार से भी जनता का विश्वास जीत सके।

वित्त मंत्री ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) और राजस्व विभाग को यह भी निर्देश दिया कि कर्मचारियों और अधिकारियों को बेहतर कार्यस्थल और आवासीय सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अधिकारियों को कठिन परिस्थितियों में यात्रा करने से बचाने के लिए पारिवारिक आवास और कार्यालयों के निर्माण कार्य को प्राथमिकता दी जाए।