सागर में 30 फीट ऊँचे श्रीकृष्ण स्वरूप ने मोहा मन, गौ-सेवा और लोकनृत्य से सजा भव्य गोवर्धन पर्व उत्सव
सागर में गोवर्धन पूजा पर्व का आयोजन भव्य रूप में हुआ। 30 फीट ऊँचे श्रीकृष्ण स्वरूप, 101 फीट लंबे गोवर्धन पर्वत, गौ-सेवा और लोकनृत्य ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।

सागर शहर में इस वर्ष गोवर्धन पूजा पर्व का आयोजन अत्यंत भव्य और अद्वितीय रूप में किया गया। शहर के हफसिली स्थित डेयरी विस्थापन परियोजना स्थल पर आयोजित इस ऐतिहासिक गोवर्धन मेले का संयुक्त आयोजन पशुपालक संघ और नगर पालिक निगम सागर द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा गोबर से निर्मित 101 फीट लंबा और 11 फीट ऊँचा विशाल गिरिराज गोवर्धन पर्वत, जिसे भगवान श्रीकृष्ण के 30 फीट ऊँचे भव्य स्वरूप ने अपनी छोटी ऊँगली पर धारण किया हुआ था। इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए श्रद्धालुओं, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय नागरिकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सभी ने भाव-विभोर होकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की।
गोवर्धन पर्वत पर भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग अर्पित किए गए और विशेष अन्नकूट पूजन के बाद प्रसादी का वितरण किया गया। इस अवसर पर नगर निगम अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने गौ-सेवा करते हुए सजी-धजी गायों और बछड़ों को माला पहनाई तथा गुड़, चना और हरा चारा खिलाकर पारंपरिक विधि से पूजा संपन्न की।
स्थानीय श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में नारियल, पुष्प और प्रसादी अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इसी दौरान गौ-पालकों ने पारंपरिक “दिवारी” गीत गाए और “बरेदी” नृत्य प्रस्तुत किया, जिससे वातावरण भक्तिमय हो उठा।
वहीं, लोक कलाकारों ने मयूर रास और बधाई गीतों की प्रस्तुति देकर उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरे आयोजन स्थल पर भक्ति, संस्कृति और लोक परंपराओं का अद्भुत संगम देखने को मिला।
सागर में मनाया गया यह गोवर्धन पर्व न केवल धार्मिक उत्सव था, बल्कि गौ-सेवा, लोक संस्कृति और सामाजिक एकता का भी प्रेरक उदाहरण बन गया।