कांग्रेस में टिकट बंटवारे पर घमासान: अफाक आलम ने प्रदेश अध्यक्ष और नेताओं पर लगाए करोड़ों के सौदे के आरोप
कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर नया विवाद भड़क उठा है। अफाक आलम ने पार्टी नेतृत्व पर करोड़ों के सौदे का आरोप लगाया, जबकि राजेश राम और पप्पू यादव के बीच कथित टिकट सौदे का ऑडियो वायरल हो गया है।

कांग्रेस पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर बड़ा राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और कस्बा से निवर्तमान विधायक अफाक आलम के बीच कथित बातचीत का एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रहा है। इस ऑडियो में राजेश राम यह कहते सुनाई दे रहे हैं, “आपका टिकट हमने फाइनल कर दिया है, लेकिन पप्पू यादव टिकट कटवाने में लगे हुए हैं। कोई इरफान के टिकट की बात कर रहा है।”
इस वायरल ऑडियो के बाद कांग्रेस के अंदर टिकट वितरण में कथित भ्रष्टाचार और गुटबाज़ी का मामला गर्मा गया है। अफाक आलम ने इस पर खुलकर मोर्चा खोलते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए।
अफाक आलम ने कहा, “कांग्रेस पार्टी में टिकट के बदले करोड़ों रुपये का खेल हुआ है। कई सिटिंग विधायकों के टिकट काट दिए गए, जबकि बाहरी और कमजोर उम्मीदवारों को पैसे के दम पर टिकट दे दिए गए हैं।”
उन्होंने दावा किया कि इस पूरे प्रकरण में कृष्णा अल्लावरु, शकील अहमद खान और अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं। अफाक आलम ने कांग्रेस प्रत्याशी इरफान पर सवाल उठाते हुए कहा कि “इरफान तो समिति का चुनाव भी हार चुका है, फिर भी उसे टिकट दे दिया गया। इससे साफ है कि टिकट पैसों के लेनदेन के आधार पर बांटे गए हैं।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अफाक आलम ने कुछ फोटोग्राफ भी जारी किए, जिनमें इरफान को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस ऐसे व्यक्ति को टिकट दे रही है जो भाजपा नेताओं के संपर्क में रहा है। इससे पार्टी की नीयत और निर्णय प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठते हैं।”
अफाक आलम ने आगे कहा कि वायरल ऑडियो इस बात का सबूत है कि प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम की पार्टी में कोई सुनवाई नहीं होती, और पप्पू यादव जैसे बाहरी नेता टिकट वितरण पर हावी हो गए हैं।
उन्होंने तीखे लहजे में पूछा, “पप्पू यादव कांग्रेस में कौन हैं? उनके कहने पर सिटिंग विधायकों का टिकट क्यों काटा गया?”
इस विवाद ने कांग्रेस की चुनावी तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्टी के अंदर मचे इस घमासान से स्पष्ट है कि टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष और आंतरिक कलह अब सार्वजनिक हो चुकी है, जिससे कांग्रेस की एकजुटता पर भी असर पड़ सकता है।