आयकर अधिनियम 2025 : भारत की कर प्रणाली में बड़ा बदलाव, 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा नया कानून

भारत का नया आयकर अधिनियम 2025, 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। सरल भाषा, डिजिटल अनुपालन और विवाद समाधान की नई व्यवस्था के साथ यह कानून कर प्रणाली को पारदर्शी और आधुनिक बनाएगा।

आयकर अधिनियम 2025 : भारत की कर प्रणाली में बड़ा बदलाव, 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा नया कानून

भारत की कर प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहा है। संसद द्वारा पारित आयकर अधिनियम, 2025 आगामी 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। यह अधिनियम कर कानून को सरल, पारदर्शी और आधुनिक बनाने की दिशा में सरकार का एक बड़ा कदम है। इसमें न केवल भाषा को आसान बनाया गया है, बल्कि अप्रचलित प्रावधानों को हटाकर कर ढांचे को पुनर्गठित किया गया है।

सरकार का उद्देश्य करदाताओं को सुविधाजनक और पारदर्शी प्रणाली उपलब्ध कराना है, जिसमें स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा मिले और प्रशासनिक बोझ कम हो। नए अधिनियम में कर स्लैब को सरल, छूट को तर्कसंगत और डिजिटल अनुपालन तंत्र को एकीकृत किया गया है।

पुराने कानून की जटिलता से नई स्पष्टता

1961 के आयकर अधिनियम को छह दशकों में 4000 से अधिक संशोधनों से जटिल बना दिया गया था। इसमें कई छूट और कटौतियों के चलते कर आधार कमजोर हुआ और मुकदमेबाजी बढ़ी। पारंपरिक कानूनी भाषा और अप्रचलित प्रावधानों ने इसे करदाताओं के लिए और कठिन बना दिया था।

यही कारण था कि सरकार ने जुलाई 2024 में इसकी व्यापक समीक्षा का ऐलान किया। सीबीडीटी की एक समिति ने उद्योग, पेशेवर निकायों और अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं का अध्ययन कर नया मसौदा तैयार किया। इसके आधार पर मानसून सत्र में आयकर (संख्या 2) विधेयक, 2025 पारित हुआ, जो अब भारत की नई कर संरचना की नींव है।

नए अधिनियम की प्रमुख विशेषताएं

  • सरल भाषा और संरचना : लंबे वाक्यों और कानूनी पेचीदगियों को हटाकर सीधी और स्पष्ट भाषा अपनाई गई।

  • डिजिटल अनुपालन : फेसलेस असेसमेंट और ऑनलाइन प्रक्रियाओं को बढ़ावा देकर मानवीय हस्तक्षेप कम किया गया।

  • एकीकृत प्रावधान : जैसे टीडीएस से जुड़ी धाराओं को एक ही धारा में समाहित किया गया।

  • नया कर वर्ष : अब "कर वर्ष" (Tax Year) की अवधारणा लागू होगी, जो वित्त वर्ष और आकलन वर्ष की जगह लेगी।

  • डिजिटल परिसंपत्तियों पर प्रावधान : क्रिप्टोकरेंसी और वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर कराधान का दायरा बढ़ाया गया।

  • विवाद समाधान तंत्र : करदाताओं के लिए अधिक पारदर्शी और अनुकूल व्यवस्था बनाई गई है।

करदाताओं के लिए लाभ

यह अधिनियम केवल दरों में बदलाव नहीं बल्कि अनुभव सुधारने के लिए बनाया गया है। इसका उद्देश्य कर दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाना, विवादों को कम करना और डिजिटल युग के अनुरूप प्रणाली विकसित करना है।

इस तरह आयकर अधिनियम, 2025 भारत की कर प्रणाली को आधुनिक, पारदर्शी और करदाता-केंद्रित बनाने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है।