प्रधानमंत्री मोदी बोले – दुनिया देख रही है भारत को एक भरोसेमंद, जिम्मेदार और सशक्त साझेदार के रूप में
विश्व सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज दुनिया भारत को एक भरोसेमंद, जिम्मेदार और सशक्त साझेदार के रूप में देख रही है। उन्होंने निवेश, रोजगार, आत्मनिर्भरता और नक्सलवाद पर देश की प्रगति को रेखांकित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आज पूरी दुनिया भारत को एक भरोसेमंद, जिम्मेदार और सशक्त साझेदार के रूप में देख रही है। नई दिल्ली में एक निजी मीडिया समूह द्वारा आयोजित विश्व सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर फार्मास्यूटिकल्स, और ऑटोमोबाइल से लेकर मोबाइल निर्माण तक निवेश की एक बड़ी लहर भारत की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि ये निवेश भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का तंत्रिका केंद्र (nerve centre) बनाने में मदद कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की आर्थिक वृद्धि पूरी दुनिया के लिए नए अवसरों का निर्माण कर रही है। उन्होंने हाल ही में हुए EFTA व्यापार समझौते का उदाहरण देते हुए बताया कि यूरोपीय देशों ने भारत में 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा।
उन्होंने हाल में भारत आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका अब तक का सबसे बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भारत लाना यह दर्शाता है कि दुनिया भारत में अवसरों का कितना बड़ा दायरा देख रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत का G-7 देशों के साथ व्यापार 60 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत रुकने या धीमा होने के मूड में नहीं है। 140 करोड़ भारतीय पूरे उत्साह के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया जब विभिन्न बाधाओं और संकटों से गुजर रही है, ऐसे समय में “अविराम भारत (Unstoppable India)” की चर्चा स्वाभाविक और सार्थक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत ने हर संदेह को तोड़ा और हर चुनौती को पार किया।
उन्होंने कहा कि कभी "Fragile Five" कहे जाने वाला भारत आज दुनिया की शीर्ष पाँच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। उन्होंने बताया कि महंगाई दर 2 प्रतिशत से कम है, जबकि विकास दर 7 प्रतिशत से अधिक है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “चिप्स से लेकर शिप्स तक, हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का आत्मविश्वास दिखाई देता है।” उन्होंने यह भी कहा कि अब भारत आतंकवादी हमलों के बाद चुप नहीं रहता, बल्कि सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर जैसी निर्णायक कार्रवाइयों के माध्यम से जवाब देता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के लिए अनिश्चितता का प्रतीक ‘अज्ञात की सीमा’ भारत के लिए अवसर का द्वार है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी, वैक्सीन विकास, कुशल जनशक्ति, फिनटेक और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारत ने हर जोखिम को सुधार में, हर सुधार को शक्ति में और हर शक्ति को क्रांति में बदला है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि बीते 11 वर्षों में सरकार ने नीति और प्रक्रिया दोनों को लोकतांत्रिक बनाने पर ध्यान दिया है, जो “अविराम भारत” के उदय का प्रमुख कारण है। उन्होंने कहा कि 2014 में आधे से अधिक भारतीयों के पास बैंक खाता नहीं था, लेकिन आज देश के हर गांव में कम से कम एक बैंकिंग टच पॉइंट है। पिछले दशक में 50 करोड़ से अधिक जन धन खाते खोले गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने माओवादी आतंकवाद पर देश की बड़ी उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि माओवादी हिंसा देश के युवाओं के प्रति सबसे बड़ा अन्याय और पाप है। 2014 से अब तक केंद्र सरकार ने भटके युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए संवेदनशीलता के साथ काम किया है। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत पूरी तरह नक्सलवाद और माओवादी हिंसा से मुक्त होगा — यह उनकी सरकार की गारंटी है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि 11 वर्ष पहले 125 जिले नक्सल प्रभावित थे, जो अब घटकर सिर्फ 11 जिले रह गए हैं, जिनमें केवल तीन जिले ही अत्यधिक प्रभावित हैं। पिछले दशक में हजारों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें पिछले 75 घंटों में ही 303 नक्सली शामिल हैं — कई पर भारी इनाम घोषित था।
उन्होंने कहा कि अब ये सभी लोग विकास की मुख्यधारा में लौट रहे हैं और स्वीकार कर रहे हैं कि उन्होंने गलत रास्ता चुना था। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दिवाली नक्सलवाद से मुक्त हुए क्षेत्र नई खुशी के दीप जलाकर उत्सव मनाएंगे।