EC ने NCP के दोनों गुटों को जवाब देने के लिए दिया और समय, शरद पवार बोले- 'जैसा उद्धव ठाकरे के साथ किया वैसा ही...'

NCP Political Crisis: निर्वाचन आयोग ने बुधवार (16 अगस्त) को एनसीपी (NCP) के दोनों गुटों को पार्टी के नाम और सिंबल से संबंधित नोटिस का जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया. एक गुट शरद पवार (Sharad Pawar) के नेतृत्व वाला और दूसरा उनके भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar) की अगुवाई वाला है. दोनों ने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न के दावे पर निर्वाचन आयोग के नोटिस पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए चार सप्ताह की मोहलत मांगी थी. आयोग ने 27 जुलाई को दोनों गुटों को नोटिस जारी कर उनसे असली पार्टी होने का दावा करते हुए आयोग को सौंपे गए दस्तावेजों का आदान-प्रदान करने को कहा था. इस बीच एनसीपी चीफ शरद पवार ने उनकी पार्टी में जारी सियासी लड़ाई को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा.  शरद पवार ने क्या कहा? शरद पवार ने बुधवार को कहा कि देश की सत्ता बीजेपी और उसके सहयोगियों के हाथ में है. उनकी भूमिका समाज में एकता बनाए रखने की है, लेकिन वे लोगों को बांट रहे हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं कि कैसे उन्होंने (बीजेपी) राज्य सरकारों को गिराया- जैसे गोवा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के बाद क्या हुआ, यह सभी ने देखा है.  एनसीपी प्रमुख ने आगे कहा कि मेरी पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग ने मुझे नोटिस दिया. मैं चुनाव आयोग के कारण चिंतित नहीं हूं, लेकिन ये स्पष्ट है कि केंद्र सरकार के कुछ शक्तिशाली लोगों ने उद्धव ठाकरे की पार्टी पर चुनाव आयोग के फैसले में हस्तक्षेप किया. मुझे संदेह है कि हमारे साथ भी ऐसा ही कुछ किया जा सकता है.  "अजित पवार के साथ पारिवारिक मुलाकात थी" भतीजे अजित पवार से मुलाकात पर उन्होंने कहा कि अजित पवार के साथ पारिवारिक मुलाकात थी. मणिपुर को लेकर शरद पवार ने कहा कि मणिपुर की स्थिति चिंताजनक है. हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री एक बार पूर्वोत्तर का दौरा करें और वहां के लोगों के बीच विश्वास पैदा करें, लेकिन यह प्रधानमंत्री के लिए महत्वपूर्ण नहीं लगा.  चुनाव आयोग ने और समय दिया न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दोनों गुटों को अब 8 सितंबर को चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देना होगा. चुनाव आयोग ने 27 जुलाई को अजित पवार और शरद पवार, दोनों गुटों को नोटिस जारी किया था और 17 अगस्त यानी कल तक उनका जवाब मांगा था. आयोग को 40 सांसदों, विधायकों और एमएलसी के हलफनामों के साथ-साथ विद्रोही गुट के सदस्यों का एक प्रस्ताव भी मिला था कि उन्होंने अजित पवार को एनसीपी प्रमुख चुना है.  ये भी पढ़ें-  Legal News: अफेयर, हाउसवाइफ और ईव टीजिंग जैसे शब्दों का अब कोर्ट में नहीं होगा इस्तेमाल, SC ने जारी की नई लिस्ट

EC ने NCP के दोनों गुटों को जवाब देने के लिए दिया और समय, शरद पवार बोले- 'जैसा उद्धव ठाकरे के साथ किया वैसा ही...'

NCP Political Crisis: निर्वाचन आयोग ने बुधवार (16 अगस्त) को एनसीपी (NCP) के दोनों गुटों को पार्टी के नाम और सिंबल से संबंधित नोटिस का जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया. एक गुट शरद पवार (Sharad Pawar) के नेतृत्व वाला और दूसरा उनके भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar) की अगुवाई वाला है. दोनों ने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न के दावे पर निर्वाचन आयोग के नोटिस पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए चार सप्ताह की मोहलत मांगी थी.

आयोग ने 27 जुलाई को दोनों गुटों को नोटिस जारी कर उनसे असली पार्टी होने का दावा करते हुए आयोग को सौंपे गए दस्तावेजों का आदान-प्रदान करने को कहा था. इस बीच एनसीपी चीफ शरद पवार ने उनकी पार्टी में जारी सियासी लड़ाई को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. 

शरद पवार ने क्या कहा?

शरद पवार ने बुधवार को कहा कि देश की सत्ता बीजेपी और उसके सहयोगियों के हाथ में है. उनकी भूमिका समाज में एकता बनाए रखने की है, लेकिन वे लोगों को बांट रहे हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं कि कैसे उन्होंने (बीजेपी) राज्य सरकारों को गिराया- जैसे गोवा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के बाद क्या हुआ, यह सभी ने देखा है. 

एनसीपी प्रमुख ने आगे कहा कि मेरी पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग ने मुझे नोटिस दिया. मैं चुनाव आयोग के कारण चिंतित नहीं हूं, लेकिन ये स्पष्ट है कि केंद्र सरकार के कुछ शक्तिशाली लोगों ने उद्धव ठाकरे की पार्टी पर चुनाव आयोग के फैसले में हस्तक्षेप किया. मुझे संदेह है कि हमारे साथ भी ऐसा ही कुछ किया जा सकता है. 

"अजित पवार के साथ पारिवारिक मुलाकात थी"

भतीजे अजित पवार से मुलाकात पर उन्होंने कहा कि अजित पवार के साथ पारिवारिक मुलाकात थी. मणिपुर को लेकर शरद पवार ने कहा कि मणिपुर की स्थिति चिंताजनक है. हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री एक बार पूर्वोत्तर का दौरा करें और वहां के लोगों के बीच विश्वास पैदा करें, लेकिन यह प्रधानमंत्री के लिए महत्वपूर्ण नहीं लगा. 

चुनाव आयोग ने और समय दिया

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दोनों गुटों को अब 8 सितंबर को चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देना होगा. चुनाव आयोग ने 27 जुलाई को अजित पवार और शरद पवार, दोनों गुटों को नोटिस जारी किया था और 17 अगस्त यानी कल तक उनका जवाब मांगा था. आयोग को 40 सांसदों, विधायकों और एमएलसी के हलफनामों के साथ-साथ विद्रोही गुट के सदस्यों का एक प्रस्ताव भी मिला था कि उन्होंने अजित पवार को एनसीपी प्रमुख चुना है. 

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