Brain Stroke: ब्रेन स्ट्रोक के ये हैं पांच बड़े लक्षण, इग्नोर करने पर हो सकती है मौत
ब्रेन स्ट्रोक तब पड़ता है जब दिमाग के एक हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से काम नहीं करता है. इसके शुरुआती लक्षणों का पता अगर वक्त रहते चल जाए को व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है.

ब्रेन स्ट्रोक तब पड़ता है जब दिमाग के एक हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से काम नहीं करता है. इसके शुरुआती लक्षणों का पता अगर वक्त रहते चल जाए को व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है. स्ट्रोक के लक्षणों की पहचान करते हुए इसका वक्त रहते इलाज करना बेहद जरूरी है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) के अनुसार स्ट्रोक संयुक्त राज्य अमेरिका में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है. हर साल, 795,000 से अधिक अमेरिकी लोगों को स्ट्रोक होता है.ऑक्सीजन के बिना दिमाग की कोशिकाएं और टिश्यूज क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और कुछ ही मिनटों में मरना शुरू हो जाते हैं. स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानना और शीघ्र निदान और उपचार प्राप्त करना महत्वपूर्ण है.
स्ट्रोक के लक्षण क्या हैं?
दिमाग में ब्लड की कमी के कारण टिश्यूज और सेल्स को नुकसान होता है. जिसके कारण स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है. इसके कारण शरीर के दूसरे ऑर्गन को भी नुकसान होता है. स्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति को जितनी जल्दी देखभाल मिलेगी, उसका परिणाम उतना ही बेहतर होगा। इस कारण से, स्ट्रोक के लक्षणों को जानना मददगार होता है ताकि आप जल्दी से जल्दी कार्रवाई कर सकें. स्ट्रोक के लक्षणों में ये शामिल हो सकते हैं.
आजकल कि खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण लोगों को कई तरह के न्यूरोलॉजिकल से जुड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. जैसे माइग्रेन, स्ट्रोक, सीजर, कई तरह के नॉन कैंसरस ब्रेन ट्यूमर. जोकि आज के समय में होना बेहद आम सी बात हो गई है. हर साल 40 से 50 हजार लोग ब्रेन ट्यूमर का शिकार हो जाते हैं.
आजकल कि खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण लोगों को कई तरह के न्यूरोलॉजिकल से जुड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. जैसे माइग्रेन, स्ट्रोक, सीजर, कई तरह के नॉन कैंसरस ब्रेन ट्यूमर. जोकि आज के समय में होना बेहद आम सी बात हो गई है. हर साल 40 से 50 हजार लोग ब्रेन ट्यूमर का शिकार हो जाते हैं.
ब्रेन स्ट्रोक का खतरा पहले से 25 प्रतिशत तक बढ गया है
भारत के युवाओं में आए दिन ब्रेन स्ट्रोक के मामले दिन पर दिन बढ़ रहे हैं. इस मामले में पिछले 5 सालों में 25 प्रतिशत तक वृद्धि देखने को मिली है. सबसे ज्यादा मामले 25-40 साल की उम्र वाले लोगों में दिखाई देती है. दरअसल, इसके पीछे का कारण खराब लाइफस्टाइल, खानपान, खराब आदतें, धूम्रपान और मॉर्जन लाइफस्टाल के चक्कर में खानपान का ध्यान नहीं रखना जिसके कार कई सारी बीमारियों का शिकार होना जैसे-हाई बीपी,डायबिटीज आदि.
सिर्फ ब्रेन स्ट्रोक ही नहीं बल्कि शुगर और हाई बीपी की ओर भी इशारा करती है. इसके अलावा जेनेटिक बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है. जैसे- स्लीपिंग डिसऑर्डर, दिल से जुड़ी बीमारियां, हाई बीपी, स्ट्रेस और तनाव के कारण कई सारी बीमारियां आजकल लोगों को हो रही है. इन सब के अलावा एयर पॉल्यूशन भी उसमें से एक कारक है.
ब्रेन स्ट्रोक के मामले में भारत की स्थिति
दरअसल, आपको सिर में चोट लगने से बचना होगा. आपको अपनी डाइट का खास ख्याल रखना होगा. धूम्रपान और तनाव से दूरी बना लें. रेगुलर एक्सरसाइज करते रहें. एक्सरसाइज, सैर पर निकलना,डायबिटीज, मोटापा, हाई बीपी, डिस्लिपिडेमिया जैसी बीमारियों से बचे रहेंगे. अगर आप खुद का ध्यान रखेंगे तो न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से बचा जा सकता है. भारत में हर साल 1 लाख 85 हजार से भी ज्यादा मामले आते हैं. जिसमें हर 40 सेकेंड में एक ब्रेन स्ट्रोक का मामला आता है. वहीं हर मिनट में एक ब्रेन स्ट्रोक से मौत हो जाती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.