ईरान-अमेरिका तनाव के बीच तेल की कीमतों में पांच साल की सबसे बड़ी गिरावट

ईरान-अमेरिका सैन्य टकराव के बाद तेल बाजारों में पांच साल की सबसे बड़ी गिरावट, लेकिन ऊर्जा अवसंरचना सुरक्षित रहने से बाजारों को राहत मिली।

ईरान-अमेरिका तनाव के बीच तेल की कीमतों में पांच साल की सबसे बड़ी गिरावट

ईरान द्वारा कतर स्थित अल-उदैद अमेरिकी हवाई ठिकानों पर मिसाइल हमले करने के बाद वैश्विक तेल बाजार में पांच वर्षों में एक ही दिन में सबसे तेज गिरावट दर्ज की गई। यह हमले अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर किए गए हमलों की जवाबी कार्रवाई के रूप में हुए। सोमवार को तेल की कीमतें पांच डॉलर प्रति बैरल तक फिसल गईं, जो लगभग छह प्रतिशत से अधिक की गिरावट है।

सप्ताहांत की शुरुआत में क्षेत्रीय तनाव के कारण बाजारों में तेल की कीमतों में तेजी देखी गई थी, लेकिन जैसे ही ईरानी हमलों की खबरें आईं, बिकवाली का दबाव बढ़ गया।

सूत्रों के अनुसार, ईरान ने कतर के अधिकारियों के साथ अपने हमलों को लेकर पहले से समन्वय किया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संघर्ष एक सीमित दायरे में रहे और किसी व्यापक युद्ध की स्थिति न बने। विश्लेषकों का मानना है कि यह रणनीति बड़े पैमाने पर टकराव को टालने का प्रयास है, जो वैश्विक ऊर्जा बाजारों के लिए अस्थिरता ला सकता था।

फिलहाल, कतर में ऊर्जा उत्पादन या निर्यात में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आई है और कतर से बाहर अन्य अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर भी कोई ईरानी हमला नहीं हुआ है।

तेल की कीमतों में आई गिरावट यह दर्शाती है कि ईरान की जवाबी कार्रवाई का लक्ष्य आर्थिक अवसंरचना नहीं, बल्कि सैन्य प्रतिष्ठान रहे। खास बात यह रही कि ईरान ने न तो तेल प्रतिष्ठानों पर हमला किया और न ही पाइपलाइनों या हॉर्मुज जलडमरूमध्य पर कोई गतिविधि की, जिससे ऊर्जा बाजारों में एक हद तक भरोसा बना रहा। ऊर्जा संबंधी किसी प्रत्यक्ष खतरे की अनुपस्थिति ने बाजारों को स्थिर करने में मदद की है।