प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत को वैश्विक मंच पर दी नई पहचान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वाराणसी में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में कहा कि भारत सरकार वैश्विक स्तर पर हर भारतीय की सुरक्षा की गारंटी बन चुकी है। बैठक में मध्यप्रदेश की विकास योजनाएं, प्रशासनिक सुधार, स्वास्थ्य, जल संरक्षण और दुग्ध उत्पादन पर विस्तार से चर्चा की गई।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत को वैश्विक मंच पर दी नई पहचान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

दुनियाभर में भारतीयों की ढाल बनी सरकार
मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह की अध्यक्षता में 4 राज्यों के मुख्यमंत्री ने की सहभागिता

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने न केवल आंतरिक विकास की दिशा में ऐतिहासिक प्रगति की है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत की आवाज़ को निर्णायक और सम्मानजनक मान्यता मिली है। "ऑपरेशन सिंदूर" इस बात का प्रतीक है कि भारत अब अपने नागरिकों की सुरक्षा, सम्मान और प्रतिष्ठा के लिए किसी भी सीमा तक जा सकता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने यह विश्वास दिलाया है कि हर भारतीय, चाहे वो कहीं भी हो, भारत सरकार उसकी ढाल बनकर खड़ी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को वाराणसी में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में सहभागिता कर संबोधित कर रहे थे। बैठक में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सहित उक्त राज्यों के मुख्य सचिव, केंद्र सरकार एवं संबंधित राज्य के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज भारत 'विकसित भारत 2047' के जिस मार्ग पर चल रहा है, उसमें राज्यों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। नीति आयोग, मुख्यमंत्री परिषद् और क्षेत्रीय परिषद जैसे संस्थागत तंत्र ने इन्हें केवल संवाद का साधन नहीं, बल्कि 'समाधान का माध्यम' बनाया है। हमें सिखाया गया है कि विचारधाराएँ अलग हो सकती हैं, लेकिन देश का भविष्य साझा है; दृष्टिकोण भिन्न हो सकते हैं, लेकिन लक्ष्य एक 'सशक्त, समावेशी और आत्मनिर्भर भारत' होना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह क्षेत्रीय परिषद केवल प्रशासनिक विचार-विमर्श का मंच नहीं, बल्कि सहकारी संघवाद की जीवंत अभिव्यक्ति है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हमेशा इस बात पर बल दिया है कि भारत की शक्ति उसकी विविधता में है लेकिन उसकी गति, उसका विकास 'टीम इंडिया' की भावना में निहित है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बाबा विश्वनाथ की धरती काशी में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक का आयोजन हो रहा है। हमारा सौभाग्य है कि हम भगवान श्रीराम, आराध्य श्रीकृष्ण की जन्मस्थली और भगवान शिव के प्रिय निवास स्थान उत्तर प्रदेश की पुण्यभूमि पर एकत्रित हुए हैं। भारत के फेडरल स्ट्रक्चर को केवल संवैधानिक प्रावधान नहीं बल्कि संवेदनशील नेतृत्व और संकल्प की शक्ति ही जीवंत बनाती है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में देखा गया है कि चाहे आपदा प्रबंधन हो, आंतरिक सुरक्षा या अधोसंरचना विकास, जब राज्य एकजुट होकर कार्य करते हैं, तो भारत की गति दोगुनी हो जाती है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रयासों से राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ नियमित संवाद, केंद्र-राज्य समन्वय समितियाँ और निवेश सम्मेलन इन सभी माध्यमों से संघीय व्यवस्था को नया बल मिला है। प्रधानमंत्री ने इस धारणा को बदल दिया है कि 'राज्य और केंद्र' प्रतिस्पर्धी हैं। अब हम 'राज्य और केंद्र' साझेदार हैं, इस सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में लागू की गई थी। योजना अंतर्गत SECC के हितग्राहियों पर होने वाले व्यय का वहन भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा 60: 40 के अनुपात में किया जाता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा प्रतिवर्ष प्रति परिवार व्यय की अधिकतम सीमा राशि 1052 रूपये सीलिंग निर्धारित की गई है, जो कि वर्ष 2018 से आज तक यथावत है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्धारित सीलिंग को बढ़ाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभागों में अलग-अलग पोर्टल होने के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पैरामीटर को ट्रैकिंग करने में कठिनाई आ रही है इसका समाधान करने के लिए एक इंटीग्रेटेड पोर्टल विकसित किए जाने की आवश्यकता है।

प्रदेश सरकार की उपलब्धियों से कराया अवगत

बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश की उपलब्धियों और विकास संबंधी जानकारियां प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि प्रदेश के अधिकारी एवं कर्मचारी की 9 वर्षों से पदोन्नतियां रुकी हुई थीं। ऐसी स्थिति में राज्य शासन की कार्य दक्षता एवं कर्मचारियों की पदोन्नति कर्मचारियों की नवीन नियुक्तियां एवं लोक सेवकों के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा था। इसका निराकरण करते हुए मध्यप्रदेश में लोक सेवा पदोन्नति नियम 2025 स्वीकृत किए गए हैं। जिससे प्रदेश के 5 लाख कर्मचारियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। पदोन्नति से जो 2 लाख पद खाली होंगे उनसे सीधी भर्ती के पदों पर नवीन नियुक्तियां की जा सकेगी। इस ऐतिहासिक निर्णय से शासकीय कर्मचारी के मनोबल में वृद्धि होगी एवं राज्य शासन की कार्य दक्षता बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शहरी क्षेत्र को नीति आयोग के ग्रोथ हब मॉडल के अनुरूप औद्योगिक एवं सेवा क्षेत्र के हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास अधिनियम 2025 पारित कर इंदौर, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर को उनके आसपास के जिलों को साथ में लेकर मेट्रोपॉलिटन सिटी के रूप में विकसित करने की रणनीति तैयार की गई है। वर्तमान में प्रदेश में 17 शासकीय मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं शीघ्र ही सिंगरौली और श्योपुर में नए शासकीय मेडिकल कॉलेज प्रारंभ होंगे। अगले दो वर्षों में 6 नए शासकीय मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाएंगे और उज्जैन में मेडिसिटी का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। राज्य शासन ने पीपीपी मॉडल पर 12 मेडिकल कॉलेज की स्थापना का निर्णय लिया है इसमें चार मेडिकल कॉलेज को सफलतापूर्वक अवार्ड कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन शिशु मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर को कम करने में निरंतर प्रयासरत है। स्वास्थ्य, शिक्षा, जनजाति और पेयजल विभागों के विशेष कार्य दल गठन कर जमीनी स्तर पर कार्य किया जा रहा है। जन्म से 5 वर्ष आयु वर्ग की बालिकाओं के पोषण स्तर में सुधार आया है मिशन वात्सल्य एवं पोषण 2.0 के तहत 12 लाख 51 हजार बच्चों को कुपोषण से बाहर निकाला गया है। ग्राम पंचायत स्तर पर नागरिकों को सामान्य सेवाओं की ऑनलाइन डिलीवरी के लिए सरकार ने ई पंचायत परियोजना शुरू की है। मुख्य सामान्य सेवाओं में जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र, विवाह प्रमाण-पत्र, निर्माण परमिट निवास का प्रमाण और मनरेगा से संबंधित सेवाएं शामिल है। संपदा 2.0 पोर्टल के माध्यम से संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया को डिजिटल बनाया गया है जिससे प्रॉपर्टी की खरीदी बिक्री आसान और पारदर्शी हो गई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को दूध कैपिटल बनाने की दिशा में हम प्रयासरत हैं। राज्य में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और मध्यप्रदेश दुग्ध संघ के बीच समझौता हुआ है। यह एग्रीमेंट डेयरी नेटवर्क को सशक्त करेगा और सांची ब्रांड को मजबूती मिलेगी। अगले 5 साल में प्रदेश के कम से कम 50% गांव में प्राथमिक डेयरी सहकारी समितियां की स्थापना का लक्ष्य है। केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के निर्देश पर प्रदेश में दूध संकलन 10 लाख लीटर से बढ़कर 50 लाख लीटर करने का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बच्चों से जुड़े संवेदनशील अपराधों के शीघ्र न्याय के लिए फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट की स्थापना की गई है। वर्ष 2025 में POCSO में दर्ज प्रकरणों की जांच पूरी करने की दर 70. 87% और FIR मामले के निपटान की दर 61.38% रही है। पिछले कुछ वर्षों में निराकृत किए गए मामले कई बार दर्ज मामलों से ज्यादा रहे, फिर भी लंबित मामलों की संख्या कम नहीं हुई इसलिए फास्ट्रैक कोर्ट के कामकाज को और बेहतर बनाने, जरूरी संसाधन बढाने और नियमित निगरानी करने की दिशा में हम काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्षा के जल को संग्रहित करने और पुराने जल स्रोतों के जीर्णोद्धार के लिये प्रदेश में 30 मार्च से 30 जून तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। जनभागीदारी पर केन्द्रित इस अभियान में व्यापक सफलता मिली है। प्रदेश के सभी जिलों में जिला प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और आम नागरिकों ने भी अभियान में अपनी सहभागिता निभाई है। परिणामस्वरूप प्रदेश में व्यापक जल संरचनाओं का निर्माण, नदियों के उदगम स्थल का सौन्दर्यीकरण सहित जल संवर्धन के अनेक कार्य हुए हैं। प्रदेश का खण्डवा जिला जल संरचनाओं के इस अभियान में देश में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने बताया कि आगामी माहो में जल गंगा संवर्धन अभियान के बाद अब पौध-रोपण का व्यापक अभियान चलाया जायेगा।