ईरान-इजराइल संघर्ष गहराया: हार्मुज जलडमरूमध्य बंद करने की तैयारी, अमेरिका पर भी ईरान का सीधा आरोप
ईरान और इजराइल के बीच जारी टकराव में अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठे हैं। ईरानी संसद ने स्ट्रेट ऑफ हार्मुज को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया, जिससे वैश्विक तेल व्यापार पर असर पड़ सकता है।

ईरान और इजराइल के बीच चल रहे टकराव ने गंभीर रूप ले लिया है। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर मिसाइल हमले किए हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने कहा है कि इजराइल ने बहुत बड़ी गलती की है और उसे इसका खामियाजा भुगतना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इन हमलों में अमेरिका भी शामिल है।
ईरानी अधिकारियों ने कहा है कि अमेरिकी हमलों के जवाब में उनकी सेना समय, तरीका और तीव्रता तय कर रही है। हाल ही में अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित परमाणु प्रतिष्ठानों पर हवाई हमला किया, जिसके जवाब में ईरानी संसद ने सामरिक रूप से बेहद अहम "स्ट्रेट ऑफ हार्मुज" को बंद करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है।
"स्ट्रेट ऑफ हार्मुज" दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण तेल और गैस मार्गों में से एक है। इसके बंद होने से वैश्विक तेल व्यापार का लगभग 20% प्रभावित हो सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि तनाव बढ़ता रहा तो कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जा सकती है।
इस स्थिति को देखते हुए अमेरिका ने इस क्षेत्र में अपने सैन्य बलों को सतर्क कर तैनात कर दिया है। वहीं ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची रूस पहुंच चुके हैं, जहां वे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मौजूदा हालात पर बातचीत करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने ईरान पर अमेरिकी हमलों के बाद स्थिति को तुरंत शांत करने की मांग की।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि ईरान में सत्ता परिवर्तन की आवश्यकता हो सकती है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि अगर मौजूदा नेतृत्व देश को महान नहीं बना सकता, तो नेतृत्व में बदलाव जरूरी है।
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वांग ने राष्ट्रपति ट्रंप के कदम का समर्थन करते हुए तनाव कम करने और कूटनीति के रास्ते पर चलने की सलाह दी है।