Milkipur By Election: भाजपा ने पहली बार किया ये प्रयोग, एक-एक वोट का किया जतन; संघ ने भी संभाली कमान

अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उप चुनाव में परदेसी वोटरों के एक-एक वोट का जतन किया गया है। पूरे विधानसभा में 35-40 हजार परदेसी वोटरों का अनुमान है।

Milkipur By Election: भाजपा ने पहली बार किया ये प्रयोग, एक-एक वोट का किया जतन; संघ ने भी संभाली कमान

अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उप चुनाव में परदेसी वोटरों के एक-एक वोट का जतन किया गया है। पूरे विधानसभा में 35-40 हजार परदेसी वोटरों का अनुमान है। इनमें विद्यार्थी, नौकरीपेशा तथा व्यवसाय करने वाले शामिल हैं। 

गुजरात, नई दिल्ली, लुधियाना, गुजरात के साथ ही अन्य शहरों में रह रहे इन वोटरों को बुलाया गया है। भाजपा की ओर से पहली बार किए गए इस प्रकार के प्रयोग में एक-एक वोटर का हिसाब भी रखा जा रहा है। दरअसल परदेसी वोटरों पर भाजपा की निगाहें हैं। 

इसके लिए पूरी रणनीति बनाकर वोटरों को ट्रैक करने का जिम्मा सौंपा गया है। संघ ने भी कमान संभाली। शीर्ष नेतृत्व की ओर से आनुषांगिक संगठनों की तीन बैठकें ली गईं। भाजपा के अलावा विहिप, विद्यार्थी परिषद, पूर्व सैनिक कल्याण परिषद व अन्य को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई।
एक रणनीतिकार ने बताया कि पहली बार इस प्रकार का प्रयोग किया गया है। यदि इसमें से 50 फीसदी वोट भी पड़ जाते हैं तो यह भाजपा के लिए फायदे की बात होगी। अब तक इन वोटों की चिंता नहीं रहती थी। इस वजह से बहुत सारे लोगों के वोट नहीं पड़ पाते थे।
एक रणनीतिकार ने बताया कि मतदाताओं के बीच यह संदेश भी देने की कोशिश की जा रही है कि इस एक सीट से सरकार बनना या बिगड़ना नहीं है, लेकिन ढाई साल के लिए भाजपा का विधायक चुन लिया जाता है तो क्षेत्र में विकास को धार मिलेगी। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क की दिशा में प्रगति होगी। यदि विपक्ष का प्रत्याशी विधायक बन जाता है तो इन सब बातों की गारंटी नहीं है।
प्रधान-पूर्व प्रधान को साथ लाने की रणनीति

भाजपा की ओर से प्रत्येक गांव में प्रधान-पूर्व प्रधान को साथ लाने का प्रयास किया गया। एक पदाधिकारी ने बताया कि प्रधान व पूर्व प्रधान साथ मिलकर भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। 

 अल्पसंख्यक बूथों को भी जीतने की कोशिश

भाजपा की ओर से अल्पसंख्यक गांवों में भी वोट लेने की भरपूर कोशिश की गई है। इसके तहत मतदाताओं को सरकारी योजनाओं के फायदे गिनाए गए हैं। उन्हें बताया जा रहा है कि भाजपा शासन में किस प्रकार अल्पसंख्यकों को लाभ पहुंच रहा है।