MahaKumbh: यह भूले भटकों का शिविर... 79 साल में भोपू से एआई का सफर; बिछड़े लोगों को मिलाती हैं ये दो संस्थाएं
कुंभ में भूले भटकों को परिवार से मिलाने में पिछले आठ दशक से दो संस्थाएं काम कर रही हैं। 79 साल पहले माघ मेले के दौरान भटके लोगों को मिलाने का जो काम भोपू के सहारे आरंभ हुआ था

कुंभ में भूले भटकों को परिवार से मिलाने में पिछले आठ दशक से दो संस्थाएं काम कर रही हैं। 79 साल पहले माघ मेले के दौरान भटके लोगों को मिलाने का जो काम भोपू के सहारे आरंभ हुआ था, वह इस कुंभ में एआई तक पहुंच चुका।
भूले-भटके शिविर के जरिए अब तक 14 लाख से अधिक लोगों को उनके परिवार के साथ मिलाया जा चुका है। वर्ष 1946 से पहले यहां आकर भटक जाने वालों को मिलाने का कोई उपाय नहीं था।