गर्मियों में लू से कैसे बचें: जानिए अपने स्वास्थ्य की ढाल कैसे बनाएं
गर्मियों का मौसम जहां छुट्टियों और आम के मौसम के लिए जाना जाता है, वहीं यह अपने साथ कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी लेकर आता है। इनमें सबसे खतरनाक है — लू लगना।

गर्मियों का मौसम जहां छुट्टियों और आम के मौसम के लिए जाना जाता है, वहीं यह अपने साथ कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी लेकर आता है। इनमें सबसे खतरनाक है — लू लगना। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान अत्यधिक गर्मी के कारण सामान्य से बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और शरीर उसे नियंत्रित नहीं कर पाता। खासकर भारत जैसे गर्म और सूखे इलाकों में, मई-जून के महीने में लू लगना एक आम लेकिन जानलेवा समस्या बन जाती है। लेकिन थोड़ी समझदारी, सावधानी और सही दिनचर्या अपनाकर हम खुद को लू से सुरक्षित रख सकते हैं।
लू से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि धूप में निकलने के समय को नियंत्रित किया जाए। दोपहर 12 बजे से लेकर शाम के 4 बजे तक की धूप सबसे तेज़ और नुकसानदायक होती है। इस समय बाहर जाने से जितना हो सके बचना चाहिए। अगर बाहर जाना बहुत जरूरी हो, तो सिर को अच्छी तरह ढककर, हल्के और ढीले कपड़े पहनकर ही निकलना चाहिए। एक छाता, टोपी या गमछा तेज़ धूप से सिर और चेहरे को बचा सकता है। आंखों की सुरक्षा के लिए अच्छी क्वालिटी का चश्मा लगाना भी फायदेमंद होता है।
गर्मियों में शरीर का पानी बहुत तेज़ी से पसीने के रूप में बाहर निकलता है, जिससे डिहाइड्रेशन यानी पानी की कमी हो सकती है। लू से बचाव के लिए दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बेहद जरूरी है। इसके अलावा नींबू पानी, नारियल पानी, बेल का शरबत, छाछ और नमक-शक्कर घोल जैसे पारंपरिक पेय पदार्थ शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति करते हैं और गर्मी से लड़ने में मदद करते हैं। कोल्ड ड्रिंक्स या कैफीन युक्त पेय पदार्थों से बचना चाहिए क्योंकि ये डिहाइड्रेशन को और बढ़ा सकते हैं।
खानपान का सीधा असर शरीर की गर्मी सहने की क्षमता पर पड़ता है। लू से बचने के लिए हल्का, सुपाच्य और पौष्टिक भोजन लेना बेहतर होता है। अधिक तले-भुने, मसालेदार या भारी भोजन से शरीर में गर्मी और बेचैनी बढ़ सकती है। मौसमी फल जैसे खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, और आम का पना न केवल ठंडक देते हैं, बल्कि शरीर को हाइड्रेट भी रखते हैं। खाना हमेशा ताज़ा और साफ होना चाहिए ताकि फूड पॉइजनिंग जैसी समस्याएं न हों, जो गर्मी में आम होती हैं।
घर में भी तापमान को नियंत्रित रखना जरूरी है। अगर एयर कंडीशनर की सुविधा नहीं है, तो कमरे को ठंडा रखने के लिए खिड़कियों पर गीले पर्दे टांगे जा सकते हैं, ठंडी सतह पर लेटना या बार-बार चेहरा धोना भी राहत देता है। बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि ये वर्ग लू के प्रभाव से अधिक प्रभावित हो सकते हैं।
अगर किसी को अचानक सिरदर्द, चक्कर, अत्यधिक पसीना आना बंद हो जाना, कमजोरी, उल्टी या बेहोशी जैसे लक्षण दिखें तो यह लू लगने के संकेत हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत व्यक्ति को ठंडी और छायादार जगह पर लिटाएं, उसके शरीर पर गीले कपड़े से पानी की पट्टी करें और ORS या नमक-चीनी घोल दें। जरूरत पड़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि लू समय पर इलाज न मिले तो जानलेवा भी हो सकती है।
इसलिए इस गर्मी, खुद को लू से बचाना किसी ढाल पहनने जैसा है। थोड़ी सी सावधानी, सही दिनचर्या, संतुलित भोजन और पर्याप्त पानी के सेवन से न सिर्फ हम इस मौसम का आनंद ले सकते हैं, बल्कि खुद को स्वस्थ और ऊर्जावान भी बनाए रख सकते हैं। गर्मी से डरने की नहीं, समझदारी से निपटने की जरूरत है।
Disclaimer:
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता और स्वास्थ्य संबंधी सुझावों के उद्देश्य से दी गई है। यह किसी चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। लू या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या से जुड़ी स्थिति में विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। लेखक और प्रकाशक इस जानकारी की पूर्ण सटीकता या प्रभाव के लिए उत्तरदायी नहीं हैं। पाठकों से अनुरोध है कि वे किसी भी उपाय को अपनाने से पहले अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें।