सरसों खरीद पहले ही दिन बनी आफत : फसल सत्यापन बना मुसीबत, छह किसानों को नहीं मिला गेट पास
सरसों की सरकारी खरीद शुरू होने के पहले ही दिन फसल का सत्यापन न होना किसानों के लिए मुसीबत बन गया। प्रशासन की तरफ से सत्यापन नहीं किए जाने की वजह से मंडियों में गेट पास जारी नहीं हो सके।

सरसों की सरकारी खरीद शुरू होने के पहले ही दिन फसल का सत्यापन न होना किसानों के लिए मुसीबत बन गया। प्रशासन की तरफ से सत्यापन नहीं किए जाने की वजह से मंडियों में गेट पास जारी नहीं हो सके।
सोनीपत। सरसों की सरकारी खरीद शुरू होने के पहले ही दिन फसल का सत्यापन न होना किसानों के लिए मुसीबत बन गया। प्रशासन की तरफ से सत्यापन नहीं किए जाने की वजह से मंडियों में गेट पास जारी नहीं हो सके। ऐसे में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनका एक दाना सरसों नहीं बिक सका। चार किसान सोनीपत व खरखौदा मंडी से अपनी सरसों लेकर वापस लौट गए। वहीं दो किसानों ने मिलर्स के पास कम दाम पर बेचने को मजबूर होना पड़ा। वहीं गोहाना और गन्नौर मंडी में पंजीकृत सरसों की आवक नहीं हुई। हालांकि गोहाना में बिना पंजीकृत सरसों को मिलर्स ने खरीदा।
प्रदेश सरकार ने मंगलवार से सरसों की सरकारी खरीद करने का दावा किया था। उसके विपरीत पहले दिन मंडी में पहुंचे किसानों की फसल का सत्यापन नहीं होने से ई-खरीद पोर्टल पर रिकॉर्ड दर्ज न होने के कारण अनाज मंडियों में सरसों की सरकारी खरीद नहीं हो सकी। इसकी वजह से किसानों को सरसों लेकर वापस लौटना पड़ा। किसानों का कहना था कि समय पर मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर फसल का पंजीकरण करवा लिया था, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते फसल का सत्यापन न होने से रिकॉर्ड ई-खरीद पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पाया। इससे उन्हें गेट पास जारी न होने के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद शुरू नहीं हो सकी।
अनाज मंडी में अभी भी लगे हैं धान के बोरे के ढेर
रोहतक रोड पर नई अनाज मंडी में सरसों की आवक शुरू हुए एक सप्ताह हो चुका है, लेकिन शेड के नीचे अभी भी धान के बोरे रखे हैं। अब 1 अप्रैल से गेहूं की फसल की सरकारी खरीद शुरू हो जाएगी। ऐसे में अगर जल्द धान का उठान नहीं किया तो आने वाले दिनों में किसानों को शेड के नीचे फसल डालने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में मार्केट कमेटी की ओर से संबंधित आढ़ती को जल्द उठान करने के निर्देश दिए हैं। चेतावनी है कि अगर जल्द उठान नहीं किया जाता है तो छह माह का किराया वसूल किया जाएगा।
बोले किसान
छह एकड़ की सरसों लेकर मंडी पहुंचे तो गेट पास नहीं दिया गया। इसकी वजह से सरकारी खरीद नहीं हो सकी। फसल का पंजीकरण समय रहते करवा लिया था। पूछने पर पता चला कि फसल पंजीकरण कर रिकॉर्ड ई-खरीद पोर्टल पर दर्ज नहीं हो सका है।
रविंद्र निवासी पिनाना
गेट पास न मिलने के कारण एक एकड़ सरसों की फसल हैफेड ने खरीद करने से मना कर दिया। इसके चलते परेशानी हुई। सरकारी खरीद न होने के कारण निजी मिलर्स को कम दाम पर सरसों बेचने को मजबूर होना पड़ा। सरकारी खरीद को लेकर बार-बार तंग होने से बचने को मिलर्स को ही सरसों बेच दी।
राकेश निवासी बोहला
छह बीघे में सरसों की फसल उगाई थी, इसमें से चार बीघे की फसल लेकर मंडी पहुंचा हूं। फसल का पंजीकरण होने के बाद भी गेट पास जारी नहीं हो सका। इसके चलते सरकारी रेट पर फसल नहीं बिक सकी। प्राइवेट मिलर्स को फसल बेचने को मजबूर होना पड़ा।
बिजेंद्र निवासी लहराड़ा
वर्जन
हैफेड की ओर से सरसों की खरीद करने की तैयारी पूरी है। गेट पास जारी न होने के कारण एमएसपी पर सरसों की खरीद नहीं हो सकी।
उमाकांत शर्मा, जिला प्रबंधक, हैफेड
वर्जन
गेट पास जारी न होने की समस्या प्रदेश की सभी मंडियों में थी। किसानों की फसल का सत्यापन करने की प्रक्रिया जारी है। इसके जल्द पूरा होने की उम्मीद है। ऐसे में अब मंडी में आने वाले पंजीकृत सरसों उत्पादक किसानों को गेट पास दिए जाएंगे। इसके बाद हैफेड की ओर से एमएसपी पर खरीद की जाएगी।
ज्योति मोर, सचिव, मार्केट कमेटी सोनीपत