बदायूं जिले में बारिश अब आफत बन गई है। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। तेज हवा और बारिश से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। वहीं 24 घंटे में बारिश के दौरान अलग-अलग जगहों पर मकान-दीवार गिरने से हादसे भी हुए हैं। उघैती थाना क्षेत्र के गांव सराहा में बृहस्पतिवार की रात कच्ची छत गिरने से युवक की मौत हो गई। गांव सराहा निवासी प्रदीप (20) पुत्र भूशंकर कमरे में अकेला सो रहा था। बारिश की वजह से अचानक कच्ची छत भरभराकर उसके ऊपर गिर गई। ग्रामीणों की मदद से परिजनों ने उसको मलबे से निकाला। उसे इलाज के लिए बदायूं ले जा रहे थे। रास्ते में ही मौत हो गई। उसकी मौत से परिवार में कोहराम मच गया।
दीवार गिरने से मलबे में दबा परिवार, नौ घायल
उसावां क्षेत्र के गांव नगरिया अभय में दीवार ढह गई, जिसके मलबे में तीन छोटे बच्चों सहित नौ लोग दब गए। घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया। गांव निवासी भूरे सिंह यादव ने बताया कि दीवार के सहारे सीमेंट की चादरें डाली थीं। शाम करीब छह बजे पूरा परिवार घर पर था कि अचानक दीवार गिर गई। इसी बीच सीमेंट की चादरें गिरने से परिवार के लोग दब गए। घायलों में मदनपाल (30), सुभाष (26), भूपेंद्र (18), गुड्डो देवी (52) , पूजा (16) , अल्पना (24 ) एल्विश (2 ) पारष (4 ), तनुष्का (6 ) शामिल हैं।
कच्ची दीवार गिरने से तीन लोग घायल
कादरचौक क्षेत्र के गांव भोजपुर में कच्ची दीवार गिरने से तीन लोग दबकर घायल हो गए, जबकि पालतू पशु मर गया। घायलों को बदायूं में निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। गांव भोजपुर निवासी हरी सिंह की पत्नी ऊषा, भांजी ज्योति व बेटा हिमांशु बैठे हुए थे। बारिश की वजह से शाम करीब 5.30 बजे अचानक दीवार गिर गई, जिसके मलबे में वे लोग दब गए। ग्रामीणों ने उन्हें बाहर निकाला।
स्कूल की गिरी दीवार
बिसौली क्षेत्र के कंपोजिट स्कूल तारापुर में बृहस्पतिवार सुबह अचानक चहारदीवारी गिर गई। स्कूल का अवकाश होने की वजह से छात्र-छात्राएं नहीं थे। उसावां के वार्ड नौ में गूरा कॉलोनी में स्थित नीम का पेड़ बृहस्पतिवार की सुबह गिर गया। गनीमत रही कि आसपास कोई नहीं था। वहीं गांव लभारी में बुधवार की रात टिनशेड पर बिजली गिर गई।
बारिश से फसलों का नुकसान
जिले में बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। बारिश से खेतों में धान और बाजरा की फसल गिर गई है। सबसे ज्यादा नुकसान धान, बाजरा, ज्वार और मिर्च को हुआ है। उत्पादकों में यशपाल सिंह ने बताया कि धान के पौधों में बालियां निकल रहीं है। तेज हवा के साथ बारिश की वजह से धान की फसल गिर गई है। उन्हीं खेतों में धान सुरक्षित है, जहां पौधे पूरी तरह बढ़वार नहीं पकड़ पाए हैं। इसी तरह बाजरा की फसल के जरिये भी किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है। बाजरा भी करीब दो- तीन सप्ताह बाद पकने के कगार पर है। भागमल चौधरी के मुताबिक, धान, बाजरा और ज्वार की फसल को करीब 30 फीसदी तक नुकसान हो गया है। शिमला और सादा मिर्च की फसल बारिश के पानी में डूब गई है। शिमला मिर्च की इसी महीने रोपाई हुई थी।
बाजरा की खेत में न भरने दें पानी, धान को राहत
जिला कृषि अधिकारी डीके सिंह ने बताया कि धान की फसल को सिंचाई की जरूरत थी। ऐसे में यह पानी फसल के लिए लाभदायक है। बाजरा और मक्का को भी इस पानी की जरूरत है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि बाजरा के खेत में पानी न भरने दें। अगर किसी क्षेत्र में तेज हवा के साथ में बारिश हुई है, वहां पर मक्का को कुछ दिक्कत हो सकती है, लेकिन दो दिन के बाद मौसम खुल जाएगा।