'देख बहारें होली की...' नज़ीर अकबराबादी की मशहूर नज़्म के कुछ अंश

होली, एक ऐसा त्योहार जिसके कई रंग हैं. इसमें प्रेम है, दोस्ती है, मदहोशी है, ठंडक है, रिश्तों की गर्माहट है, रंगीन नज़ारे हैं, अल्हड़पन है, सादगी है, ख़ासियत है.

'देख बहारें होली की...' नज़ीर अकबराबादी की मशहूर नज़्म के कुछ अंश
होली, एक ऐसा त्योहार जिसके कई रंग हैं. इसमें प्रेम है, दोस्ती है, मदहोशी है, ठंडक है, रिश्तों की गर्माहट है, रंगीन नज़ारे हैं, अल्हड़पन है, सादगी है, ख़ासियत है.