प्रधानमंत्री मोदी की तीन देशों की यात्रा: साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया से द्विपक्षीय संबंधों को मिलेगा नया आयाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच दिवसीय यात्रा पर साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया रवाना हुए। इस यात्रा का उद्देश्य व्यापार, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करना है।

प्रधानमंत्री मोदी की तीन देशों की यात्रा: साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया से द्विपक्षीय संबंधों को मिलेगा नया आयाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह पांच दिवसीय विदेश दौरे पर रवाना हो गए। वह इस दौरान तीन देशों—साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया का दौरा करेंगे। रवाना होने से पहले अपने बयान में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह यात्रा भारत के लिए आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह इन देशों को सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत को दिए जा रहे समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह दौरा विश्व को आतंकवाद के सभी स्वरूपों से लड़ने के लिए एकजुट करने में मदद करेगा।

यात्रा की शुरुआत साइप्रस से होगी, जहां प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस से मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं के बीच व्यापार, निवेश, डिजिटल कनेक्टिविटी, शिक्षा, समुद्री सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होने की संभावना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि साइप्रस यूरोपीय संघ और भूमध्यसागर क्षेत्र का भारत का एक महत्वपूर्ण भागीदार है। यह यात्रा ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करने और नए क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने का अवसर है।

इसके बाद प्रधानमंत्री कनाडा जाएंगे, जहां वह जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि यह मंच वैश्विक मुद्दों और ग्‍लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए उपयोगी होगा।

आखिरी चरण में प्रधानमंत्री क्रोएशिया की यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और क्रोएशिया के बीच सांस्कृतिक संबंध बहुत पुराने और गहरे हैं। यह यात्रा द्विपक्षीय सहयोग के नए रास्ते खोलेगी और दोनों देशों के बीच परस्पर हितों को मजबूत करेगी।

साइप्रस में भारत के उच्चायुक्त मनीष ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। उन्होंने बताया कि जहां साइप्रस ने 2035 तक का राष्ट्रीय लक्ष्य तय किया है, वहीं भारत ने विकसित भारत 2047 का संकल्प लिया है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस दौरे से सहयोग और भी मजबूत और विविधतापूर्ण बनेगा।