चित्रकूट के कण-कण में राम होने का प्रमाण: जानकी चरण मंदिर के पास निकले पत्थरों में लिखा मिला राम व ऊं

पंजाबी भगवान आश्रम के नीचे जानकी चरण मंदिर के पास जेसीबी से खोदाई में कई पत्थर निकले हैं। इनमें बनीं आकृति में कुछ लिखा है। जिनमें फलाहारी आश्रम के महंत व मंदिर के पुजारी ने दावा किया कि उसमें राम व ऊं लिखा है।

चित्रकूट के कण-कण में राम होने का प्रमाण: जानकी चरण मंदिर के पास निकले पत्थरों में लिखा मिला राम व ऊं

पंजाबी भगवान आश्रम के नीचे जानकी चरण मंदिर के पास जेसीबी से खोदाई में कई पत्थर निकले हैं। इनमें बनीं आकृति में कुछ लिखा है। जिनमें फलाहारी आश्रम के महंत व मंदिर के पुजारी ने दावा किया कि उसमें राम व ऊं लिखा है।

पंजाबी भगवान आश्रम के नीचे जानकी चरण मंदिर के पास जेसीबी से खोदाई में कई पत्थर निकले हैं। इनमें बनीं आकृति में कुछ लिखा है। जिनमें फलाहारी आश्रम के महंत व मंदिर के पुजारी ने दावा किया कि उसमें राम व ऊं लिखा है। चित्रकूट यूपी एमपी क्षेत्र के सभी तीर्थ स्थलों व बस्ती के पास से सीवर लाइन बनाने का काम जारी है। मप्र सरकार के इस विशेष निधि से चल रहे निर्माण का काम जनक एन पंचाल एंड ज्वाय बिल्डर्स करा रही है।

जानकी चरण मंदिर के पुजारी ओंकार दास ने बताया कि निर्माण एजेंसी के कर्मचारी दो जेसीबी लेकर मंदिर के किनारे से सीवर लाइन डालने के लिए खोदाई करने लगे। कुछ देर बाद दोनों जेसीबी स्वत: बंद हो गई। मुख्य मार्ग तक अन्य वाहन से घसीटकर जेसीबी को लाए तो बाद में वह स्टार्ट हो गई। साइट इंचार्ज मिथलेश पटेल ने बताया कि दोनों चालकों के अनुसार उन्हें कंपन महसूस हो रहा है। खुदाई के दौरान पत्थरों में मशीन फंस रही थी। कुछ पत्थर टूटकर बाहर निकले। इन पत्थरों को गौर से देखने पर कुछ लिखा महसूस हुआ। मंदिर के पुजारी ने पत्थरों में राम नाम व ऊं लिखा होने की बात कहकर कई पत्थर अपने मंदिर में रख लिए। इसके बाद खोदाई का काम बंद हो गया है। फलाहारी आश्रम के महंत रामप्यारे दास महाराज भी मौके पर पहुंचे और कई पत्थर लेकर आए।

उन्होंने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि चित्रकूट में भगवान साढ़े 11 साल रहे और यहां के कण कण में राम व्याप्त हैं। यह भी दावा किया कि वह पत्थर लेकर मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलेंगे ताकि इस स्थान का संरक्षण हो सके। मौके पर मौजूद श्रद्धालु विवेक अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने भी यह चमत्कार देखा है।
कुछ दिन पूर्व यूनेस्को की टीम आई थी जिसने दावा किया था कि हजारों साल पहले यहां मानव जीवन के अंश हैं। इसे संरक्षण की जरूरत है। इस संबंध में नगर पंचायत चित्रकूट के अधिशासी अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि उन्हें भी कुछ जानकारी मिली है। सीवर लाइन डालने वालों को बुलाकर पूछताछ की गई है। जल्द ही पूरी टीम मौके पर जाकर तथ्य जुटाएगी।