UP Train Derail: शरारत की ओर इशारा कर रहे ये कई सवाल... आखिर कैसे डाउन लाइन पर पहुंचा फायर सेफ्टी सिलिंडर?

झांसी-कानपुर रूट पर जिस जगह यह फायर सेफ्टी सिलिंडर मिला है, वहां से गोविंदपुरी स्टेशन की दूरी करीब 500 मीटर है। अगर सिलिंडर ट्रेन के इंजन से टकराता, तो बड़ा धमाका हो सकता था।

UP Train Derail: शरारत की ओर इशारा कर रहे ये कई सवाल... आखिर कैसे डाउन लाइन पर पहुंचा फायर सेफ्टी सिलिंडर?

झांसी-कानपुर रूट पर जिस जगह यह फायर सेफ्टी सिलिंडर मिला है, वहां से गोविंदपुरी स्टेशन की दूरी करीब 500 मीटर है। अगर सिलिंडर ट्रेन के इंजन से टकराता, तो बड़ा धमाका हो सकता था। अग्निरोधी रसायन से अग्निशमन यंत्र भरा हुआ था, जिसे आग लगने पर उपयोग में लाया जाता है। इंजन से टकराने के बाद या उस पर दबाव बढ़ने पर वह फट सकता था। पुष्पक एक्सप्रेस के लोको पायलट ने सूझबूझ दिखाई और इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी।

यह इलाका दादानगर औद्योगिक क्षेत्र से बिलकुल नजदीक पड़ता है। रविवार की तड़के पुष्पक एक्सप्रेस के लोको पायलट ने जैसे ही अग्निशमन यंत्र को देखा तो उन्होंने तुरंत अधिकारियों को सूचना दी और उसे लेकर सेंट्रल स्टेशन में आरपीएफ के हवाले कर दिया। 

इसकी जांच कराई गई तो इसके गोरखपर से मुंबई जा रही कुशीनगर एक्सप्रेस से गिरने का पता चला है। अब इसकी पड़ताल कराई जा रही है कि फायर सेफ्टी सिलिंडर आखिर कैसे डाउन लाइन पर पहुंचा? यह जानबूझ कर फेंका गया है या किसी की गलती से नीचे गिरा है?  बहरहाल कई पहलुओं पर जांच शुरू हो गई है, जिसमें रेलवे के कैरिज एंड वैगन विभाग, आरपीएफ, जीआरपी और अन्य अनुभागों को शामिल किया गया है।
सभी अपनी संयुक्त रिपोर्ट देंगे। डिप्टी सीटीएम आशुतोष सिंह ने बताया कि मंडल की ओर से जांच कराई जा रही है। कई टीमें लगी हुई हैं। यह अपनी संयुक्त रिपोर्ट देगी। आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट विजय प्रकाश पंडित ने बताया कि अग्निशमन यंत्र कुशीनगर एक्सप्रेस से गिरने का पता चला है। इसके गिरने की जांच कराई जा रही है। घटना के पीछे शरारत होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।