राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मिले प्रधानमंत्री मोदी, जापान-चीन यात्रा के बाद बढ़ी कूटनीतिक सक्रियता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान और चीन की महत्वपूर्ण विदेश यात्राओं के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। भारत-जापान साझेदारी और भारत-चीन संबंधों पर हुई चर्चा को वैश्विक कूटनीति के लिए अहम माना जा रहा है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मिले प्रधानमंत्री मोदी, जापान-चीन यात्रा के बाद बढ़ी कूटनीतिक सक्रियता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से सौजन्य भेंट की। राष्ट्रपति भवन ने इस मुलाकात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के माध्यम से साझा की। यह मुलाकात प्रधानमंत्री की हाल की जापान और चीन की विदेश यात्राओं के बाद हुई, जिन्हें भारत की कूटनीतिक सक्रियता का अहम हिस्सा माना जा रहा है।

जापान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने भारत-जापान “स्पेशल स्ट्रैटेजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप” को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की प्रतिबद्धता जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और जापान न केवल बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं बल्कि सशक्त लोकतंत्र भी हैं, इसीलिए दोनों देशों की साझेदारी वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। इस यात्रा में भारत ने अगले दस वर्षों में जापान से 10 ट्रिलियन येन निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य भी रखा, जो आपसी विश्वास और मजबूत साझेदारी का संकेत है।

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के तियानजिन शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी हुई। दोनों नेताओं ने सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने पर सहमति जताई। साथ ही, उन्होंने सहयोग को पारस्परिक सम्मान और साझा हितों के आधार पर आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुलाकात की तस्वीर और जानकारी ‘एक्स’ पर साझा की और बताया कि पिछली बैठक (कजान में हुई) के बाद भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक प्रगति की समीक्षा की गई।

प्रधानमंत्री मोदी की जापान और चीन यात्राएं तथा राष्ट्रपति से उनकी मुलाकात, भारत की विदेश नीति और वैश्विक मंच पर मजबूत होती साझेदारियों का स्पष्ट संकेत देती हैं। इसे भारत की कूटनीतिक सक्रियता और बढ़ती अंतरराष्ट्रीय भूमिका की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।