मंत्री श्री राजपूत ने आचार्यश्री के चरणों में विनयांजलि समर्पित की
परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज की मुझे सेवा करने का उस समय अवसर मिला जब परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज का सुरखी विधानसभा क्षेत्र में विहार हो रहा था। आचार्यश्री के विहार - 19/02/2024

मैने ईश्वर को नहीं देखा, देखा है आचार्यश्री विद्यासागर जी को : मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत
परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज की मुझे सेवा करने का उस समय अवसर मिला जब परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज का सुरखी विधानसभा क्षेत्र में विहार हो रहा था। आचार्यश्री के विहार में मुझे भी कुछ किलोमीटर साथ चलने का सौभाग्य मिला। यह बात खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने आचार्यश्री के साथ विहार के समय बिताई हुई स्मृतियों को ताजा करते हुए कही।
मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि आचार्यश्री के साथ विहार के दौरान निवेदन किया था कि आचार्यश्री आप इस सुविधाजनक स्थान पर विश्राम कर लें, लेकिन उन्होंने उस स्थान को छोड़कर ऐसे स्थान पर विश्राम किया, जहां आम इंसान भी रूकने में कठिनाई महसूस करेगा। ऐसे विषम परिस्थिति वाले स्थान पर आचार्यश्री ने विश्राम किया। श्री राजपूत ने कहा कि मैने ईश्वर को नहीं देखा, देखा है आचार्यश्री विद्यासागर जी को। ईश्वर रूपी संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज की रात्रि 2:35 बजे चंद्रागिरी तीर्थ डोंगरगढ़ में समाधि हो गई है। उन्होंने आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के स्वधाम प्रस्थान पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी।
मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि आचार्यश्री ने मानवता की जो सेवा की है, वह सदियों तक याद की जायेगी। आचार्यश्री ने अनेकों विषयों पर जीवन पर्यंत कार्य किया। गौ-संरक्षण, विद्यादान, कैदियों को स्वावलंबन शिक्षा, मांस निर्यात पर पाबंदी, जैन तीर्थ संरक्षण, इंडिया नहीं भारत कहो, ऐसे अनेक आयाम उनके साथ जुड़े थे। ऐसे देवतुल्य संत को उन्होंने अपनी और अपने क्षेत्रवासियों की तरफ से उनके चरणों में विनयांजलि समर्पित की है।