उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को नई दिशा, ऐल्कोबेव प्राइवेट लिमिटेड ने ₹580 करोड़ के निवेश के साथ किया एमओयू साइन

उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देते हुए ऐल्कोबेव प्राइवेट लिमिटेड ने राज्य सरकार के साथ ₹580 करोड़ का एमओयू साइन किया है।

उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को नई दिशा, ऐल्कोबेव प्राइवेट लिमिटेड ने ₹580 करोड़ के निवेश के साथ किया एमओयू साइन

उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्रांति और आर्थिक विकास का नया अध्याय शुरू हो चुका है। राज्य सरकार के प्रगतिशील औद्योगिक नीति और निवेशक-हितैषी दृष्टिकोण के चलते देश-विदेश की निजी कंपनियाँ उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए आगे आ रही हैं। इसी क्रम में ऐल्कोबेव प्राइवेट लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ ₹580 करोड़ का समझौता ज्ञापन (एमओयू) साइन किया है, जो राज्य के औद्योगिक परिदृश्य में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

यह परियोजना सीतापुर जिले में स्थापित की जाएगी, जिसकी क्षमता 15 लाख हेक्टोलीटर होगी। इस प्लांट के निर्माण से राज्य में 2100 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। कंपनी की योजना है कि यह ब्रूवरी प्लांट अत्याधुनिक यूरोपीय ब्रूइंग सिस्टम तकनीक से सुसज्जित होगा, जिससे उत्पादन की गुणवत्ता और दक्षता दोनों बढ़ेंगी।

कंपनी के निदेशक श्याम किशोर मित्तल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में ब्रूवरी उद्योग की मांग तो बहुत है, लेकिन उत्पादन इकाइयाँ बहुत सीमित हैं। वर्तमान में अधिकांश उत्पाद अन्य राज्यों या देशों से आते हैं। उन्होंने कहा कि “हम उत्तर प्रदेश की औद्योगिक दृष्टि और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया मिशन’ का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करते हैं। यह परियोजना न केवल उत्पादन बढ़ाएगी, बल्कि राज्य में रोजगार और गुणवत्ता के क्षेत्र में नया मानक स्थापित करेगी।”

वहीं, कंपनी के निदेशक लालू मित्तल ने कहा कि ऐल्कोबेव प्राइवेट लिमिटेड, कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत पंजीकृत एक उभरती हुई भारतीय अल्कोहलिक बेवरेज कंपनी है, जिसका मुख्यालय पुणे, महाराष्ट्र में स्थित है। कंपनी भारत के विभिन्न राज्यों में विश्वस्तरीय ब्रूवरी और डिस्टिलरी परियोजनाएँ स्थापित कर रही है।

उन्होंने आगे कहा कि कंपनी का लक्ष्य इनोवेशन, गुणवत्ता और टिकाऊ विकास के माध्यम से भारतीय पेय उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। उत्तर प्रदेश सरकार के साथ यह समझौता केवल एक निवेश सौदा नहीं, बल्कि राज्य के औद्योगिक भविष्य की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।

यह साझेदारी उत्तर प्रदेश को रोजगार, निवेश और नवाचार के नए आयामों की ओर अग्रसर करेगी और राज्य को भारत के अग्रणी औद्योगिक केंद्रों में से एक के रूप में स्थापित करेगी।