Kalindi Express: तीन मोबाइल टॉवरों के 50 हजार नंबरों को खंगाल रही पुलिस, लिंक रोड पर बसे गांव पर भी नजर

कालिंदी एक्सप्रेस को बेपटरी करने की साजिश का पर्दाफाश करने को पुलिस पूरी ताकत से जुटी है। जांच का दायरा बढ़ाते हुए पुलिस ने घटना के दौरान एक्टिव मोबाइल नंबरों को खंगालना शुरू कर दिया है।

Kalindi Express: तीन मोबाइल टॉवरों के 50 हजार नंबरों को खंगाल रही पुलिस, लिंक रोड पर बसे गांव पर भी नजर

कालिंदी एक्सप्रेस को बेपटरी करने की साजिश का पर्दाफाश करने को पुलिस पूरी ताकत से जुटी है। जांच का दायरा बढ़ाते हुए पुलिस ने घटना के दौरान एक्टिव मोबाइल नंबरों को खंगालना शुरू कर दिया है। शिवराजपुर और उसके आसपास तीन मोबाइल टॉवरों से पुलिस ने एक घंटे का डाटा उठाया है। जिसमें 50 हजार नंबर पुलिस के पास आए हैं।

पुलिस इनमें से एक-एक कर नंबर व नंबर धारकों का सत्यापन कर रही है। वहीं सीसीटीवी कैमरे की फुटेज अब उत्तरीपुरा से उठाए जा रहे हैं। वहीं, मुड़ेरी मोड़ के आसपास के गांवों से पुलिस ने एक बार फिर आठ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। हालांकि अभी तक पुलिस के हाथ अहम जानकारी हाथ नहीं है। डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि मोबाइल टॉवरों से मिले डाटा की छंटनी की जा रही है।

लिंक रोड पर बसे गांव पर पुलिस की नजर
जांच के दौरान पुलिस को नेवादा टोल प्लाजा से शिवराजपुर की तरफ एक लिंक रोड के बारे में जानकारी मिली। पता चला है कि इसका इस्तेमाल आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले शातिर करते हैं।

टोल प्लाजा के 100 मीटर पहले दरिया नेवादा से होकर शिवराजपुर हाईवे की ओर जाने वाले इस रास्ते पर पुलिस टीमों ने शनिवार को दिन भर गश्त की। इस रास्ते पर पुलिस को तीन सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को भी पुलिस ने जांचना शुरू कर दिया है।

आगरा फॉरेंसिक लैब भेजा जाएगा पाउडर
डीसीपी ने बताया कि मौके से मिले विस्फोटक (पाउडर ) को जांच के लिए आगरा फॉरेंसिक लैब भेजा जाएगा। पेट्रोल वाली बोतल और सिलिंडर की फोटो लखनऊ फॉरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजी जाएगी। मौके पर मिले एक कागज के टुकड़े को भी जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा जाएगा। इस कागज में विस्फोटक की महक आ रही है। यह सामग्री रविवार को यहां से डाकेट बनाकर भेज दी जाएगी।

रेलवे अधिकारियों की भी ले रहे मदद
कालिका एक्सप्रेस और साबरमती एक्सप्रेस या प्रदेश के अन्य स्थानों पर ट्रेनों में हुई घटनाओं में कोई समानता अभी तक सामने नहीं आई है। रेलवे के अधिकारियों से भी जांच में मदद ली जा रही है। जांच सभी बिंदुओं पर चल रही है। - हरीश चंदर, एडिशनल सीपी