Hisar: लाइसेंस के लिए अगस्त के पहले सप्ताह में एयरपोर्ट पर ट्रायल लैंडिंग, अंतिम चरण में फिनिशिंग का काम

हिसार महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट से हवाई सेवा शुरू करने के लिए जरूरी लाइसेंस को लेकर अगस्त के पहले सप्ताह में ट्रायल लैंडिंग होगी।

Hisar: लाइसेंस के लिए अगस्त के पहले सप्ताह में एयरपोर्ट पर ट्रायल लैंडिंग, अंतिम चरण में फिनिशिंग का काम

हिसार महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट से हवाई सेवा शुरू करने के लिए जरूरी लाइसेंस को लेकर अगस्त के पहले सप्ताह में ट्रायल लैंडिंग होगी। इस दौरान बड़ा हवाई जहाज यहां उतारा जाएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी को ट्रायल लैंडिंग के लिए डीजीसीए की हरी झंडी का इंतजार है। वहीं एयरपोर्ट पर फिनिशिंग का काम अंतिम चरण में है।

बता दें कि एयरपोर्ट पर दूसरे चरण के सभी कार्य पूरे हो चुके हैं। अब सिर्फ एयरपोर्ट से हवाई जहाज उड़ाने के लिए लाइसेंस की जरूरत है। इसके लिए नागरिक उड्डयन विभाग आवेदन कर चुका है। लाइसेंस को लेकर डीजीसीए की टीम 2-3 बार एयरपोर्ट का दौरा भी कर चुकी है। इस दौरान उनकी तरफ से कुछ कमियों को दूर करने को लेकर दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। अब एयरपोर्ट अथॉरिटी इन कमियों को दूर करने में जुटा हुआ है। 20 जुलाई को नागरिक उड्डयन विभाग के अतिरिक्त प्रधान सचिव सुधीर राजपाल भी यहां आए थे। उन्होंने 31 जुलाई तक फिनिशिंग कार्य को पूरा करने के आदेश दिए थे, ताकि यहां ट्रायल लैंडिंग करवाई जा सके।

पिछले माह ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने तीन हजार मीटर की नई हवाई पट्टी सहित कैटेगरी टू की लाइट, एचएडीसी ऑफिस, पैरीमीटर रोड, फ्यूल स्टोर, एटीसी टावर, 33 केवी सब स्टेशन, टैक्सी वे, अप्रेन, एयरड्रम, टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन किया था। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि लाइसेंस मिलते ही यहां से अयोध्या, जम्मू, जयपुर व अहमदाबाद के लिए हवाई सेवा शुरू की जाएगी। इसके लिए एलायंस एयर के साथ एमओयू साइन हो चुका है।

हिसार के हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए वर्ष 2014 में यहां काम शुरू हुआ है। उस समय एयरपोर्ट के पास 200 एकड़ जमीन था। दो चरणों में इसमें 7 हजार एकड़ जमीन को जोड़ा गया। यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनेगा, क्योंकि किसी भी एयरपोर्ट के पास इतनी जमीन नहीं है।

एयरपोर्ट के पास 2988 एकड़ जमीन पर इंटीग्रेटेड मार्केटिंग क्लस्टर तैयार किया जाएगा। इसमें से 1300 एकड़ जमीन पर वर्ल्ड पोर्ट, मेगा कार्गो पोर्ट व ड्राई पोर्ट स्थापित किया जाएगा। इंटीग्रेटेड मार्केटिंग क्लस्टर डिफेंस और एयरोस्पेस केंद्रित होगा। इसमें विश्व की बड़ी कंपनियों को उद्योग स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

एनआईसीडीसी ने औद्योगिक विकास के लिए हरियाणा सरकार की ओर से दिया गया प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। एनआईसीडीसी की तरफ से हरियाणा सरकार को केंद्र सरकार की इक्विटी के तौर पर 1811 करोड़ रुपये दिए गए हैं। अमेरिका की ट्रेड एंड डेवलपमेंट एजेंसी इंटीग्रेटेड एविएशन हब बनाने के लिए तकनीकी और आर्थिक सहायता देगी। इससे एयरपोर्ट पर माल लाने और भेजने की सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी।