स्पैम कॉल से मिलेगी निजात! जल्द ही मोबाइल स्क्रीन पर दिखेगा कॉलर का नाम
मोबाइल यूजर्स को जल्द ही स्पैम कॉल से छुटकारा मिलने वाला है। अब कॉलर का नाम जानने के लिए ट्रूकॉलर जैसी थर्ड-पार्टी ऐप्स पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी।

मोबाइल यूजर्स को जल्द ही स्पैम कॉल से छुटकारा मिलने वाला है। अब कॉलर का नाम जानने के लिए ट्रूकॉलर जैसी थर्ड-पार्टी ऐप्स पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी। जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी टेलीकॉम कंपनियां खुद ही कॉल करने वाले का नाम मोबाइल स्क्रीन पर दिखाने की सुविधा देने जा रही हैं। इसके लिए इन कंपनियों ने HP, डेल, एरिक्शन और नोकिया के साथ साझेदारी की है। ये कंपनियां मिलकर ऐसा सर्वर और सॉफ्टवेयर विकसित करेंगी, जिससे कॉल करने वाले का नाम सीधे मोबाइल स्क्रीन पर दिख सकेगा।
कई जगहों पर हो रहे ट्रायल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियों ने कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) को लागू करने के लिए जरूरी उपकरणों के ऑर्डर दे दिए हैं। कई स्थानों पर इसका ट्रायल भी किया जा रहा है। जैसे ही यह टेक्नोलॉजी पूरी तरह से स्थिर होगी, इसे पूरे देश में रोलआउट कर दिया जाएगा। हालांकि, यह सुविधा केवल स्मार्टफोन यूजर्स के लिए होगी और फीचर फोन पर उपलब्ध नहीं होगी।
TRAI ने पिछले साल दी थी सिफारिश
पिछले साल फरवरी में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने CNAP को सभी स्मार्टफोन यूजर्स के लिए लागू करने की सिफारिश की थी। इसके अलावा, TRAI ने सरकार से इसे सभी टेलीकॉम कंपनियों के लिए अनिवार्य बनाने की भी बात कही थी। CNAP के लागू होने से यूजर्स को अनचाही और स्पैम कॉल से राहत मिलेगी और जरूरी कॉल्स को पहचानना आसान हो जाएगा।
कैसे काम करेगा CNAP?
CNAP सर्विस ट्रूकॉलर की तरह काम करेगी, जो कॉलर का नाम मोबाइल स्क्रीन पर दिखाएगी। यह नाम टेलीकॉम कंपनी में रजिस्टर्ड यूजर की जानकारी के आधार पर दिखाया जाएगा। हालांकि, शुरुआत में यह सुविधा केवल एक ही टेलीकॉम कंपनी के यूजर्स के बीच उपलब्ध होगी। उदाहरण के लिए, जियो यूजर को सिर्फ दूसरे जियो यूजर की कॉल पर नाम दिखाई देगा, लेकिन अगर कोई एयरटेल यूजर जियो यूजर को कॉल करेगा, तो उसका नाम स्क्रीन पर नहीं दिखेगा। फिलहाल, सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को आपस में कस्टमर डेटा शेयर करने की अनुमति नहीं दी है।