आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले पूर्व विधान पार्षद ने साझा की उस काले दौर की सच्ची दास्तान, बोले- मौलिक अधिकारों का किया गया हनन
संविधान हत्या दिवस के अवसर पर आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले पूर्व विधान पार्षद हरेंद्र प्रताप पांडे ने आज पटना में उस काले दौर की सच्ची दास्तान साझा की।

पूर्व विधान पार्षद हरेंद्र प्रताप पांडे ने आज आपातकाल के काले दौर की सच्ची दास्तान साझा की। उन्होंने संविधान हत्या दिवस पर कहा, “आपातकाल में मौलिक अधिकारों का हनन किया गया।”
उन्होंने बताया, “25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाने वाली तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ जो भी बोलता था, उन्हें जेल में डालकर प्रताड़ित किया जाता था। लोगों के बोलने, लिखने और मीटिंग करने के अधिकार छीन लिए गए थे।”
उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान वे भी गिरफ्तार हुए थे। हालांकि, आपातकाल के बाद देश में जब दोबारा चुनाव हुए, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी हार गईं। तब जाकर हम सभी को फिर से आजादी प्राप्त हुई।
उन्होंने आगे कहा, “आपातकाल में पारिवारिक जीवन तहस-नहस हुआ। लेकिन, देश की जनता ने आपातकाल के बाद हुए दोबारा चुनाव में इंदिरा गांधी को हराकर आजादी प्राप्त की। इसी वजह से आपातकाल को आजादी की दूसरी लड़ाई कहा जाता है।”
इस दौरान उन्होंने आपातकाल में जान गंवाने वालों और पीड़ितों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।