2027 में हरिद्वार में अर्धकुंभ की तैयारियां शुरू, अखाड़ों को बसाने का न्योता

हरिद्वार में आयोजित अर्धकुंभ के समापन के साथ ही संतों और भक्तों ने संगम पर समाज और राष्ट्र की खुशहाली की कामना करते हुए विदाई ली।

2027 में हरिद्वार में अर्धकुंभ की तैयारियां शुरू, अखाड़ों को बसाने का न्योता

हरिद्वार में आयोजित अर्धकुंभ के समापन के साथ ही संतों और भक्तों ने संगम पर समाज और राष्ट्र की खुशहाली की कामना करते हुए विदाई ली। अब अगला अर्धकुंभ छह मार्च 2027 को हरिद्वार में होगा। इसके साथ ही 17 जुलाई 2027 को नासिक में कुंभ और 2028 में उज्जैन में पूर्ण कुंभ का आयोजन किया जाएगा।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने हरिद्वार में होने वाले अर्धकुंभ की तैयारियां शुरू कर दी हैं। सभी 13 अखाड़ों के लिए छावनी प्रवेश और अमृत स्नान की योजना बनाई जा रही है। मुखिया महंतों, सचिवों और धर्मध्वजा रक्षकों का मनोनयन भी प्रक्रिया में है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार अर्धकुंभ में पहली बार अखाड़ों और नागा संन्यासियों के छावनी प्रवेश के साथ ही अमृत स्नान की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री धामी ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी और महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि को अखाड़ों को बसाने का न्योता भेज दिया है। मनसा देवी ट्रस्ट और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने बताया कि सीएम का न्योता मिलने के बाद तैयारियां शुरू हो गई हैं। श्रीपंच दशनाम जूना, निरंजनी, अटल, आनंद, अग्नि अखाड़े के संतों के साथ ही बैरागी और उदासी परंपरा के अखाड़ों के लिए हरिद्वार अर्धकुंभ की बसावट का खाका तैयार किया जा रहा है।

2027 में हरिद्वार अर्धकुंभ का शुभारंभ महाशिवरात्रि के दिन छह मार्च को पहले अमृत स्नान के साथ होगा। आखिरी अमृत स्नान 14 अप्रैल को किया जाएगा। हरिद्वार में सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़ा अमृत स्नान के लिए जाएगा, जबकि छावनी प्रवेश में जूना अखाड़े के नागा संन्यासी अग्रणी रहेंगे।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा कि पहली बार उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार अर्धकुंभ में अखाड़ों की बसावट की व्यवस्था करने की पहल की है। मुख्यमंत्री के न्योता के बाद छावनी प्रवेश और अमृत स्नान की तैयारियां तेजी से चल रही हैं।