प्रधानमंत्री आवास योजना बनी गांवों के लिए वरदान, अब हर घर में है सुकून और सुरक्षा

शेखपुरा जिले के गांवों में प्रधानमंत्री आवास योजना ने गरीब परिवारों को पक्का मकान देकर जीवन में सुकून और सुरक्षा दी है। अब बारिश में टपकती छतें बीती बात हो चुकी हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना बनी गांवों के लिए वरदान, अब हर घर में है सुकून और सुरक्षा

कभी जिन गरीब परिवारों के लिए पक्का मकान एक सपना था, अब प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) ने उस सपने को साकार कर दिया है। यह योजना देश के गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

बिहार के शेखपुरा जिले के सदर प्रखंड के पुरैना पंचायत स्थित अवगिल चाड़े गांव में इस योजना ने गांव की तस्वीर ही बदल दी है। जहां पहले फूस और खपरैल के मकान आम थे, अब वहां अधिकतर घर पक्के बन चुके हैं। बारिश के मौसम में जहां पहले घर टपकते थे और सांप-बिच्छू का डर सताता था, वहीं अब लोगों को सुरक्षा और चैन की नींद मिल रही है।

लाभुकों की ज़ुबानी बदलती जिंदगी
राखी देवी, एक लाभार्थी, कहती हैं, “पहले खपरैल के घर में पानी टपकता था और डर बना रहता था। अब पक्का मकान मिल गया है, जिसमें शांति से रह सकते हैं।”
वहीं सूरज कुमार बताते हैं, “इस योजना से मुझे पक्का मकान और शौचालय दोनों मिले हैं। अब परिवार खुश है और इसके लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद करता हूं।”

पंचायत स्तर पर व्यापक लाभ
पंचायत मुखिया के अनुसार, “प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पंचायत में एक हजार से अधिक लोगों को इसका लाभ मिला है, जिनमें से लगभग 600 परिवार अब अपने पक्के घरों में रह रहे हैं।”

वित्तीय सहायता और अन्य लाभ
योजना के तहत हर लाभार्थी को तीन किस्तों में कुल ₹1,20,000 की राशि दी जाती है। इसके साथ ही मनरेगा के तहत 90 दिनों की मजदूरी के अनुसार ₹22,950 और शौचालय निर्माण हेतु ₹12,000 की अतिरिक्त राशि भी मिलती है।

इस समग्र सहयोग और सरकारी प्रयासों से गांवों में एक नई उम्मीद और खुशहाली की कहानी लिखी जा रही है। अब गरीबों को सिर्फ छत ही नहीं, बल्कि सम्मान और सुरक्षा का अनुभव भी हो रहा है।