डिजिटल इंडिया की दिशा में एक कदम और: 166वां आयकर दिवस और कर व्यवस्था में बदलाव

भारत ने 166वां आयकर दिवस "डिजिटल परिवर्तन की यात्रा" थीम पर मनाया। ITR में 36% वृद्धि, नई कर व्यवस्था और सरल नियमों की घोषणा।

डिजिटल इंडिया की दिशा में एक कदम और: 166वां आयकर दिवस और कर व्यवस्था में बदलाव

भारत ने 24 जुलाई 2025 को अपना 166वां आयकर दिवस उत्साह और गर्व के साथ मनाया। यह दिन साल 1860 में सर जेम्स विल्सन द्वारा भारत में आयकर प्रणाली की शुरुआत के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम “डिजिटल परिवर्तन की एक यात्रा” रखी गई है, जो बताती है कि किस तरह भारत की आयकर व्यवस्था तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही है।

वित्त वर्ष 2024-25 में 9.19 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल किए गए, जिनमें अपडेटेड रिटर्न भी शामिल हैं। बीते 5 वर्षों में ITR फाइल करने वालों की संख्या में 36% की वृद्धि हुई है। वर्ष 2020-21 में यह संख्या 6.72 करोड़ थी, जो अब 9.19 करोड़ तक पहुंच चुकी है।

वहीं प्रत्यक्ष कर संग्रह भी दोगुना हो गया है। 2020-21 में यह ₹12.31 लाख करोड़ था, जो 2024-25 में बढ़कर ₹27.02 लाख करोड़ (अनंतिम आंकड़ा) हो गया है। यह न केवल भारत की आर्थिक मजबूती को दर्शाता है बल्कि कर अनुपालन में जागरूकता का भी संकेत है।

आयकर विभाग ने डिजिटल इंडिया अभियान के तहत कई प्रभावी कदम उठाए हैं — जैसे प्री-फिल्ड रिटर्न, AIS (Annual Information Statement) और TIS (Taxpayer Information Summary) की सुविधा, जिससे करदाताओं का अनुभव अधिक सहज और सटीक हुआ है।

प्रोजेक्ट Insight, Faceless Assessment, TIN 2.0, और मैसूर में स्थापित डिमांड फैसिलिटेशन सेंटर जैसी पहलों ने कर व्यवस्था में पारदर्शिता और सुविधा को एक नई ऊंचाई दी है। साथ ही हेल्प डेस्क और टोल-फ्री सेवाओं ने करदाताओं की सहायता प्रणाली को और सशक्त बनाया है।

सरकार की NUDGE पहल यानी ‘नज पहल’ व्यवहारिक अर्थशास्त्र पर आधारित है, जिसमें बिना दंड के करदाताओं को सही और समय पर रिटर्न भरने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को 48 महीने तक बढ़ाया गया है, जिससे करदाता अपनी त्रुटियों को सुधार सकते हैं।

नई कर प्रणाली के तहत 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं देना होगा। वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए 12.75 लाख रुपये तक की आय पर भी कर देय नहीं है। यह राहत मध्यम वर्ग को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए दी गई है।

सरकार ने टीडीएस और टीसीएस की सीमा में कई बदलाव किए हैं:

  • वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टीडीएस सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख

  • किराये पर टीडीएस सीमा ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख

  • विदेशी रेमिटेंस पर TCS सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख

साथ ही, टीसीएस भुगतान में देरी को अब अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया है।

वित्त अधिनियम 2025 के तहत लाया गया नया आयकर विधेयक 2025, 1961 के पुराने कानून को सरल भाषा में दोहराता है। पुराने प्रावधान बरकरार रखते हुए, यह नया कानून कर प्रणाली को और आसान, पारदर्शी और करदाताओं के अनुकूल बनाएगा।

आयकर दिवस 2025 न केवल भारत के सशक्त कर प्रशासन का उत्सव है, बल्कि यह नागरिकों और कर अधिकारियों के बीच आपसी सहयोग का प्रतीक भी है। तकनीक, पारदर्शिता और विश्वास के माध्यम से ही आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार किया जा सकता है।