बिजली और तूफान ने मचाई तबाही, बिहार-यूपी में जनजीवन अस्त-व्यस्त
बिहार और उत्तर प्रदेश में हाल ही में आए आंधी-तूफान और बिजली गिरने की घटनाओं ने व्यापक तबाही मचाई है।

बिहार और उत्तर प्रदेश में हाल ही में आए आंधी-तूफान और बिजली गिरने की घटनाओं ने व्यापक तबाही मचाई है। इन प्राकृतिक आपदाओं के चलते दोनों राज्यों में लगभग 100 लोगों की जान चली गई है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बिहार में पिछले 48 घंटों के दौरान बिजली गिरने से 52 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 31 लोग आकाशीय बिजली की चपेट में आकर मारे गए, जबकि नालंदा जिले में पेड़ और दीवार गिरने से 21 लोगों की जान गई। राज्य के विभिन्न जिलों में आंधी-तूफान ने भारी नुकसान पहुंचाया है, जिससे कई घरों की छतें उड़ गईं और सड़कों पर पेड़ गिर गए।
उत्तर प्रदेश में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। यहां के 25 जिलों में तेज बारिश और आंधी-तूफान के कारण छह लोगों की मौत हो गई है। लखनऊ, कानपुर और गोरखपुर समेत कई शहरों में भारी बारिश के चलते सड़कें जलमग्न हो गईं, जिससे यातायात बाधित हुआ। बिजली गिरने से फतेहपुर में दो बच्चों, फिरोजाबाद में एक महिला और सीतापुर में एक किसान की मौत हुई है।
इन घटनाओं के बाद दोनों राज्यों की सरकारों ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। मुख्यमंत्रियों ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है और प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी आंधी-तूफान और बिजली गिरने की संभावना जताई है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर से यह दिखा दिया है कि मौसम की मार कितनी घातक हो सकती है। सरकारों को चाहिए कि वे आपदा प्रबंधन प्रणाली को और अधिक मजबूत करें और लोगों को समय रहते सतर्क करने के लिए प्रभावी उपाय करें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।