धारा 35ए पर जेपी नड्डा का निशाना: 'दो विधान, दो प्रधान, दो निशान थे लोकतंत्र के खिलाफ

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा ने आज सुबह 11 बजे राज्यसभा में संविधान दिवस पर बहस की शुरुआत की। अपने संबोधन में उन्होंने भारत

धारा 35ए पर जेपी नड्डा का निशाना: 'दो विधान, दो प्रधान, दो निशान थे लोकतंत्र के खिलाफ

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा ने आज सुबह 11 बजे राज्यसभा में संविधान दिवस पर बहस की शुरुआत की। अपने संबोधन में उन्होंने भारत को प्रजातंत्र की जननी बताया और कहा कि संविधान को समझने और सम्मान देने से यह और मजबूत होता है। उन्होंने ऋग्वेद, अथर्ववेद और प्राचीन ग्रंथों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन ग्रंथों में सभा, समिति और संसद जैसे शब्दों का प्रयोग हमारी संस्कृति में चर्चा और विमर्श की परंपरा को दर्शाता है।

जेपी नड्डा ने संविधान की सराहना करते हुए कहा कि इसमें हमारी संस्कृति और विरासत की गहरी छाप है। उन्होंने संविधान की मूल प्रति में अजन्ता-एलोरा की गुफाओं और कमल के प्रतीक का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कमल स्वतंत्रता संग्राम के संघर्षों और बाधाओं को पार करके एक नई सुबह की प्रतीकात्मकता को दर्शाता है। नड्डा ने इसे लोकतंत्र को मजबूत करने की प्रेरणा के रूप में बताया और कहा कि संविधान हमें विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपने लोकतंत्र को सशक्त बनाने की शिक्षा देता है।

अपने संबोधन में उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर की दूरदर्शिता की सराहना करते हुए कहा कि उनका योगदान हमारे लोकतंत्र को दिशा और स्थायित्व देने में अतुलनीय है। उन्होंने संविधान की ताकत और इसकी मूल भावना की ओर इशारा करते हुए इसे राष्ट्रीय लक्ष्य की पूर्ति के लिए उपयोगी बताया।

जेपी नड्डा ने धारा 35ए पर भी चर्चा की और इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत बताया। उन्होंने कहा कि इसे बिना चर्चा के लागू किया गया, जो जम्मू-कश्मीर के नागरिकता संबंधी अधिकारों को सीमित करता था। इससे देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान की स्थिति बन गई थी। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए हानिकारक बताते हुए इसे हटाने के महत्व पर जोर दिया।

संविधान दिवस पर अपने संबोधन के जरिए नड्डा ने संविधान के प्रति समर्पण और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता का संदेश दिया। उनका कहना था कि यह अवसर हमें राष्ट्रीय एकता और लोकतांत्रिक मूल्यों को सशक्त बनाने का संकल्प लेने की प्रेरणा देता है।