IPO Listing: स्टैलियन इंडिया के निवेशक झूमे, आईपीओ में निवेश पर लिस्टिंग के साथ ही हो गए मालामाल, कितना मिला रिटर्न

Stallion India Listing: स्टैलियन इंडिया फ्लूरोकेमिकल्स कंपनी के निवेशकों की बहार है. इस कंपनी के आईपीओ में निवेश किए अभी कुछ ही दिन बीते हैं कि छप्परफाड़ रिटर्न से निवेशकों के घर भर गए हैं.

IPO Listing: स्टैलियन इंडिया के निवेशक झूमे, आईपीओ में निवेश पर लिस्टिंग के साथ ही हो गए मालामाल, कितना मिला रिटर्न

स्टैलियन इंडिया फ्लूरोकेमिकल्स कंपनी के निवेशकों की बहार है. इस कंपनी के आईपीओ में निवेश किए अभी कुछ ही दिन बीते हैं कि छप्परफाड़ रिटर्न से निवेशकों के घर भर गए हैं. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के साथ ही कंपनी के शेयरों ने निवेशकों को झूमने का मौका दे दिया है. आईपीओ पर निवेश में 33 फीसदी के बंपर रिटर्न का जोरदार तोहफा मिला है. यानी कंपनी के शेयरो की लिस्टिंग आईपीओ प्राइस से 33 फीसदी प्रीमियम प्राइस पर हुई है. स्टैलियन इंडिया के शेयरों को 120 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से एनएसई में लिस्टेड किया गया है.

952 करोड़ की हो गई है कंपनी की बाजार पूंजी

120 रुपये प्रति शेयर की दर से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के साथ ही स्टैलियन इंडिया फ्लूरोकेमिकल्स की बाजार पूंजी 951 करोड़ 90 लाख की हो गई है. 199.45 करोड़ जुटाने के लिए इस कंपनी का पब्लिक ईश्यू 16 जनवरी को 85-90 रुपये प्रति शेयर प्राइस बैंड के हिसाब से जारी किया गया था. इस आईपीओ ने प्राइमरी मार्केट में 188.38 गुना सब्सक्रिप्शन हासिल किया. विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों को लॉन्ग और मिड टर्म गेन के लिए शेयरों को होल्ड करना चाहिए. क्योंकि स्टैलियन इंडिया अपने विस्तार की कई परियोजनाओं पर काम कर रही है. कंपनी के फंडामेंटल्स काफी मजबूत बने हुए हैं. इस कारण कंपनी के शेयरों में लंबे समय तक उछाल का रुझान बना रह सकता है. कंपनी आईपीओ से जुटाई गई रकम का उपयोग महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश की अपनी भावी परियोजनाओं में करेगी. इसके अलावा वर्किंग कैपिटल और जेनरल कॉरपोरेट पर्पस में भी इस राशि का उपयोग करेगी. 

इंडस्ट्रियल गैस उत्पादन में है कंपनी का बड़ा नाम

स्टैलियन इंडिया फ्लूरोकेमिकल्स रेफ्रिज्रेटर और एयर कंडीशनर के गैस तथा इंडस्ट्रियल गैस उत्पादन के क्षेत्र में बड़ा नाम है. इसके अलावा कंपनी फायर फाइटिंग, सेमीकंडक्टर मैनुफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरिंग, फार्माट्यूटिकल्स और मेडिकल, ग्लास बोटल मैनुफैक्चरिंग, एयरोसोल और स्प्रे फोम अप्लीकेशन से जुड़े गैस प्रॉडक्शन से भी जुड़ी है.