बिहार व झारखंड बने नशा आपूर्ति के गढ़, अंबाला से होते हुए पंजाब, हिमाचल प्रदेश व कश्मीर तक जा रही खेप

पंजाब और हिमाचल के साथ-साथ अब बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से नशे की आपूर्ति उत्तर भारत के राज्यों में हो रही है।

बिहार व झारखंड बने नशा आपूर्ति के गढ़, अंबाला से होते हुए पंजाब, हिमाचल प्रदेश व कश्मीर तक जा रही खेप

पंजाब और हिमाचल के साथ-साथ अब बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से नशे की आपूर्ति उत्तर भारत के राज्यों में हो रही है। तस्कर अंबाला से होते हुए पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर तक नशे की आपूर्ति कर रहे हैं। इसमें सबसे अधिक चूरा पोस्त की सप्लाई हो रही है। इस साल अंबाला में सीआईए 1 पुलिस ने नशा तस्करी के 29 बड़े मामलों को पकड़ा है। इसमें से अधिकांश मामलों में बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश से हरियाणा में तस्करी होती दिखाई दी।

नशा तस्कर नशे की सप्लाई के लिए रेल और बसों का प्रयोग कर रहे हैं। इसके अलावा कमर्शियल वाहनों में माल के भीतर छिपाकर भी नशा सप्लाई की जा रही है। घरेलू वाहनों में गाड़ी के साझा छेड़छाड़ कर नशे को छिपाकर ले जाया जाता है। खास बात यह है कि नशा तस्करी को पकड़ने के लिए पुलिस के सामने चुनौती यह है कि वह अपने मुखबिरों के नेटवर्क पर अधिक आश्रित हैं। उसी नेटवर्क की मदद लेकर गिरोह पकड़े जा रहे हैं।
नशे की खेप पकड़ने वाले पुलिस विभाग के एक अधिकारी नाम न बताने की शर्त पर बताते हैं कि अंबाला में नशा तस्कर पहले नशे की बड़ी खेप को लाते हैं। इस खेप में कुछ हिस्सा वह बाहर के राज्यों में भेजते हैं। बाकी हिस्से में से सप्लायरों को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में नशा दिया जाता है। यह सप्लायर नशा करने वालों को पहचानते हैं और उन्हें नशा बेच देते हैं। नशा सप्लाई की जगह अक्सर बदलते भी रहते हैं। खास बात है कि सप्लायरों का तंत्र इतना मजबूत है कि नशा करने वाले और सप्लायर आपस में एक दूसरे को खोज ही लेते हैं।
नशा कर रहे थे युवा, कैमरा देखकर भागे
नशे के शिकार लोग खंडहरों में बैठकर अपने साथियों के साथ या अकेले नशे का सेवन करते हैं। अंबाला छावनी में 12 क्रॉस रोड स्थित पक्की सराय के पास बिजली के खंडहर कार्यालय में जब अमर उजाला की टीम पहुंची तो यहां पर पांच युवा आपस में कुछ कर रहे थे। कैमरा देखते ही युवा पिछले रास्ते से निकलकर भाग गए। यहां पर स्मैक के पेपर, कई लाइटर पड़े हुए थे। इसके साथ ही खंडहर कमरे की खिड़की पर एक काला कपड़ा टांगा हुआ है जिसमें से बाहर से आने वाले पर वह नजर रखते हैं। जिससे कि भाग सकें। यही हाल अंबाला सिटी में खंडहरों में देखने काे मिला। यहां इंजेक्शन पड़े मिले।
400 से अधिक मरीज सिर्फ चिट्टा छोड़ने की दवा ले रहे
जिला अंबाला के ओएसटी सेंटर में नशा छोड़ने की दवा लेने आ रहे मरीजों में से 400 मरीज सिर्फ ऐसे हैं जिन्हें चिट्टा के इंजेक्शन लगाने की लत लगी हुई है। इन्हें ओपिओइड प्रतिस्थापन थेरेपी के तहत ओपिएट्स दिए जाते हैं। जिले में इस प्रकार की दवा लेने वालों की संख्या 600 से अधिक है।
केस स्टडी (दोस्तों से लगी लत)
25 वर्षीय एक युवक ने बताया कि डेढ़ वर्ष पहले उसके दोस्तों ने उसे चिट्टे की लत लगा दी। धीरे-धीरे वह उसका आदि हो गया। जब उसे नशा नहीं मिलता था तो वह परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट भी करने लगता था। इसी कारण कई दिनों तक वह घर से भी बाहर रहने लगा था।
नशे के कारण हुआ काला पीलिया
28 वर्षीय युवक ने बताया कि वह श्रमिक का काम करता है। उसने जब नशा करना शुरू किया तो शुरू में तो उसे अच्छा लगता था लेकिन एक दिन अचानक ही वह बीमार हो गया। इसके बाद उसे पता चला कि उसे काला पीलिया हो गया है। इसके बाद उसने नशा छोड़ने की ठानी और अपनी दवाएं शुरू करवाई।
नशे के लिए गलत काम किए
नशा छोड़ने का प्रयास कर रहे ऑटो चालक ने बताया कि पहले दोस्त अपनी बातों में लगाकर निशुल्क में ही नशा करवाते हैं। जब नशे की लत लग जाती है तो वे इसके लिए पैसे मांगना शुरू कर देते हैं। इसी तरह नशे के झाल में उलझ जाता है और नशे के पैसों के लिए गलत काम भी शुरू कर देता है।
अधिकारी के अनुसार
अंबाला में बड़ी मात्रा में नशा तस्करी करने वालों पर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। कई गिरोहों से जुड़े लोगों को पकड़ भी गया है। नशे की रोकथाम के लिए पुलिस तस्करों के हर नेटवर्क पर चोर कर रही है। इसके साथ ही जागरूकता देने का भी काम किया जा रहा है। -सुरेंद्र सिंह भौरिया, एसपी, अंबाला।