'हिमंत बिस्वा सरमा भी पीएम की मंडली का हिस्सा', हुसैन, ओबामा वाले कमेंट पर बोले जयराम रमेश
Jairam Ramesh On Hussain Obama Row: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की हुसैन ओबामा टिप्पणी पर विपक्षी पार्टियां उनपर जमकर हमलावर हैं. वहीं अब कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने भी सरमा को निशाने पर लिया है. जयराम रमेश ने कहा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा कोई असमाजिक तत्व नहीं हैं बल्कि वह पीएम मोदी के सबसे खास सिपहसलारों में से एक है. वहीं सरमा की टिप्पणी के बाद विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि असम के सीएम के ट्वीट ने अमेरिका में पीएम मोदी के दावे को कमजोर कर दिया है कि भारत में कोई धार्मिक भेदभाव नहीं है. एनसीपी ने की माफी की मांगएनसीपी ने सरमा की के बयान की आलोचना की. पार्टी ने कहा कि हिमंत सरमा को हुसैन ओबामा टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने सरमा से इस बयान के लिए माफी मांगने की मांग की है. एनसीपी के प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने कहा कि या तो सरमा ने हमारे पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका में दिए गए बयान को नहीं सुना या उन्होंने जो कहा उसका वह अनादर कर रहे है. Do you seriously think the PM was sincere? The CM of Assam is not a fringe element. He is at the very of the PM's coterie. https://t.co/GrHD1vw2Hh — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 23, 2023 क्या थी हिंमत बिस्वा सरमा की टिप्पणी?भारत में मुसलमानों की सुरक्षा पर पूर्व अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की टिप्पणी के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बयान ने बवाल खड़ा कर दिया. हिमंत सरमा से एक पत्रकार ने ट्वीट करके पूछा था कि क्या भावना को ठेस पहुंचाने के लिए ओबामा के खिलाफ गुवाहाटी में एफआईआर दर्ज की गई है. क्या असम पुलिस ओबामा को गिरफ्तार करने के लिए वाशिंगटन जा रही है. जिसका जवाब देते हुए पत्रकार को जवाब देते हुए ट्वीट किया भारत में ही कई हुसैन ओबामा हैं. वाशिंगटन जाने पर विचार करने से पहले हमें उनकी देखभाल को प्राथमिकता देनी चाहिए. असम पुलिस हमारी अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार काम करेगी. क्या था ओबामा का बयान?सीएनएन के साथ एक इंटरव्यू में ओबामा ने भारत में अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि अगर उनकी पीएम मोदी से बातचीत होती तो वह उन्हें बताते कि अगर भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं की गई तो भारत अलग होना शुरू हो सकता है. यह भी पढ़ें PM Modi US Visit: पीएम मोदी के लिए कमला हैरिस ने किया लंच का आयोजन, बोले-...ये मधुर धुन हमारे लोगों के बीच संबंधों से बनी है

Jairam Ramesh On Hussain Obama Row: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की हुसैन ओबामा टिप्पणी पर विपक्षी पार्टियां उनपर जमकर हमलावर हैं. वहीं अब कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने भी सरमा को निशाने पर लिया है. जयराम रमेश ने कहा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा कोई असमाजिक तत्व नहीं हैं बल्कि वह पीएम मोदी के सबसे खास सिपहसलारों में से एक है.
वहीं सरमा की टिप्पणी के बाद विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि असम के सीएम के ट्वीट ने अमेरिका में पीएम मोदी के दावे को कमजोर कर दिया है कि भारत में कोई धार्मिक भेदभाव नहीं है.
एनसीपी ने की माफी की मांग
एनसीपी ने सरमा की के बयान की आलोचना की. पार्टी ने कहा कि हिमंत सरमा को हुसैन ओबामा टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने सरमा से इस बयान के लिए माफी मांगने की मांग की है. एनसीपी के प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने कहा कि या तो सरमा ने हमारे पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका में दिए गए बयान को नहीं सुना या उन्होंने जो कहा उसका वह अनादर कर रहे है.
Do you seriously think the PM was sincere? The CM of Assam is not a fringe element. He is at the very of the PM's coterie. https://t.co/GrHD1vw2Hh
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 23, 2023
क्या थी हिंमत बिस्वा सरमा की टिप्पणी?
भारत में मुसलमानों की सुरक्षा पर पूर्व अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की टिप्पणी के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बयान ने बवाल खड़ा कर दिया. हिमंत सरमा से एक पत्रकार ने ट्वीट करके पूछा था कि क्या भावना को ठेस पहुंचाने के लिए ओबामा के खिलाफ गुवाहाटी में एफआईआर दर्ज की गई है. क्या असम पुलिस ओबामा को गिरफ्तार करने के लिए वाशिंगटन जा रही है. जिसका जवाब देते हुए पत्रकार को जवाब देते हुए ट्वीट किया भारत में ही कई हुसैन ओबामा हैं. वाशिंगटन जाने पर विचार करने से पहले हमें उनकी देखभाल को प्राथमिकता देनी चाहिए. असम पुलिस हमारी अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार काम करेगी.
क्या था ओबामा का बयान?
सीएनएन के साथ एक इंटरव्यू में ओबामा ने भारत में अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि अगर उनकी पीएम मोदी से बातचीत होती तो वह उन्हें बताते कि अगर भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं की गई तो भारत अलग होना शुरू हो सकता है.
यह भी पढ़ें