मदरसे में नकली नोट की फैक्टरी: असली दिखाने के लिए सिक्योरिटी थ्रेड की जगह चिपकाते थे ये वाला टेप; कटर से कटिंग
नकली नोट छपाने के लिए गिरोह के बदमाश हाई क्वालिटी स्कैनर और प्रिंटर का इस्तेमाल कर बड़ी पेपर शीट पर प्रिंट निकालते थे। पुलिस पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि प्रिंट निकालने के बाद कटर से कटिंग कर एक-एक नोट को अलग करते थे।

नकली नोट छपाने के लिए गिरोह के बदमाश हाई क्वालिटी स्कैनर और प्रिंटर का इस्तेमाल कर बड़ी पेपर शीट पर प्रिंट निकालते थे। पुलिस पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि प्रिंट निकालने के बाद कटर से कटिंग कर एक-एक नोट को अलग करते थे। असली दिखाने के लिए सिक्योरिटी थ्रेड की जगह हरा टेप चिपकाते थे।
आरोपी जाहिर ने बताया कि उसका भाई ओडिशा में आधार कार्ड बनाने का सेंटर चलाता था। वह हाई क्वालिटी प्रिंटर और स्कैनर का उपयोग करता था। प्रयागराज आकर उसने भी हाई क्वालिटी प्रिंटर व स्कैनर से नकली नोट बनाना शुरू किया।
पहले असली नोट को स्कैन किया जाता था, फिर फोटो एडटिंग टूल के जरिये इनके नंबर बदलकर बड़ी पेपर शीट पर बल्क में नोट प्रिंट किए जाते थे। इन नोटों को रात में चारों लोग मिलकर कटर से काटकर अलग-अलग करते थे।
नोटों को कटर से काटने से पहले धातु के बने एक खांचे को प्रिंटेड शीट पर रखा जाता था। इस वजह से इनकी कटाई हूबहू असली नोटों जैसी होती थी। कटाई के बाद नोट को असली दिखाने के लिए उस पर सिक्योरिटी थ्रेड वाली जगह पर हरे रंग का सेलो टेप चिपकाया जाता था। असली व नकली नोट में अंतर सिर्फ यह था कि असली नोटों की तरह सिक्योरिटी थ्रेड पर आरबीआई अंकित नहीं होता था।