बरेली बवाल में घायल पूर्व प्रधान के बेटे की मौत: मां बोलीं- कमाऊ बेटा गंवाया, घर टूटने से मिलेगी कलेजे को ठंडक

बरेली के शाही थाना क्षेत्र के गौसगंज गांव में चार दिन पहले हुए बवाल में घायल पूर्व प्रधान के बेटे की मौत के बाद सोमवार को तनाव बढ़ गया। सुबह से ही गांव को छावनी बना दिया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव गांव पहुंचा तो पीड़ित पक्ष का गुस्सा फूट पड़ा।

बरेली बवाल में घायल पूर्व प्रधान के बेटे की मौत: मां बोलीं- कमाऊ बेटा गंवाया, घर टूटने से मिलेगी कलेजे को ठंडक

बरेली के शाही थाना क्षेत्र के गौसगंज गांव में चार दिन पहले हुए बवाल में घायल पूर्व प्रधान के बेटे की मौत के बाद सोमवार को तनाव बढ़ गया। सुबह से ही गांव को छावनी बना दिया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव गांव पहुंचा तो पीड़ित पक्ष का गुस्सा फूट पड़ा। 

श्मशान जा रही शवयात्रा रोक दी गई तो अफसरों ने बवाल के आरोपी पीआरडी जवान बख्तावर, इरशाद समेत दस आरोपियों के अवैध निर्माण को बुलडोजर की मदद से ढहा दिया। इससे संतुष्ट ग्रामीणों ने दोपहर बाद अंतिम संस्कार कर दिया।

19 जुलाई की रात गौसगंज में एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के घर पर पथराव कर दिया था। लाठी-डंडे से भी हमला किया था। बीच-बचाव कराने आए पूर्व प्रधान हीरालाल के बेटे तेजपाल समेत कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तेजराम का बरेली में इलाज चल रहा था। सोमवार तड़के उनकी मौत हो गई। 

सूचना मिलते ही अस्पताल व पोस्टमार्टम हाउस से लेकर गांव तक पुलिस की तैनाती कर दी गई। एसपी दक्षिणी मानुष पारीक गांव पहुंच गए। गांव का माहौल भांपा तो पता लगा कि पुलिस की अब तक की कार्रवाई से ग्रामीण संतुष्ट तो थे, पर आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग कर रहे थे। ग्रामीणों की बातों को सुनकर उच्चाधिकारियों से वार्ता के बाद गांव में बुलडोजर मंगा लिया गया।

सीओ मीरगंज ने धनेटा-शीशगढ़ रोड पर बने आरोपी इरशाद के घर पर बुलडोजर चलाने के लिए कहा। कुछ ही देर में ग्रामीणों की भीड़ वहां पहुंच गई। पीडब्ल्यूडी की जमीन पर बना जीना और थोड़ी सी बुनियाद गिरा दी गई।

इससे ग्रामीण संतुष्ट नहीं हुए। वे आरोपियों का पूरा मकान गिराने पर अड़ गए। इसके बाद ज्यादा हिस्से में तोड़फोड़ की गई। दस मकानों के अतिक्रमण कर बनाए हिस्से तोड़ दिए गए। कार्रवाई से संतुष्ट ग्रामीणों ने शाम ढले तेजपाल का अंतिम संस्कार किया।
मां बोलीं- कमाऊ बेटा गंवाया है, घर टूटने से मिलेगी कलेजे को ठंडक
दोपहर पौने तीन बजे तेजपाल का शव गांव लाया गया तो उनकी मां रामप्यारी, पत्नी अनीता देवी बेहोश हो गईं। हर किसी की आंखें नम थीं। मां को जब होश आया तो वह भागकर सीओ मीरगंज के पैरों में गिर गईं। कहा कि उनका कमाने वाले बेटा इस दुनिया में नहीं रहा। आरोपियों के घरों पर भी बुलडोजर चलाया जाए। इसके बाद बेटे की अर्थी उठेगी और उनके कलेजे को ठंडक मिलेगी।

श्मशान से पहले रख दिया शव तो अटकी अफसरों की सांस
अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन दे रखा था कि अंतिम संस्कार के बाद वह बुलडोजर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेंगे, पर पोस्टमार्टम के बाद शव गांव पहुंचा तो लोगों का गुस्सा कई गुना बढ़ गया। उन्होंने कार्रवाई के बाद अंतिम संस्कार करने की बात कही। एसपी दक्षिणी ने उन्हें समझाकर किसी तरह आगे बढ़ाया। गांव की गलियों से लोग शव लेकर निकले पर श्मशान से पहले ही शव रख दिया और दोषियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। इससे अधिकारी असमंजस में पड़ गए। थोड़ी देर मंथन के बाद ध्वस्तीकरण का आदेश दे दिया।